नगर रक्षिका हैं सिद्ध शक्तिपीठ छोटी पटनदेवी, जानिये क्या है इसकी महत्ता और इतिहास जानिये
नवरात्र पर सिद्ध शक्तिपीठ छोटी पटनदेवी महिमा अपार है । मां दुर्गा की पूजा पटना सिटी स्थित सिद्ध शक्तिपीठ छोटी पटनदेवी मंदिर में सैकड़ों वर्षों से हो रही है । शारदीय नवरात्र के दौरान यहां भक्तों का तांता लगा रहता है । देश की 51 शक्तिपीठों में प्रमुख इस उपासना स्थल में मां तीनों स्वरूपों में विद्यमान है । भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती पटनदेवी माता है ।
क्या है छोटी पटनदेवी मंदिर का इतिहास
देश में प्रसिद्ध 51 शक्तिपीठ है, कहा जाता है कि सती के शऱीर के 51 खंड हुये थे और पटनासिटी स्थित पटनदेवी में सती की दाहिना जंघा गिरी थी । शक्तिपीठ के नाम से प्रसिद्ध इस स्थल पर हमेशा भक्तों की भीड़ लगी रहती है । नवरात्र के समय में खास कर सप्तमी को महानिशा पूजा,अष्टमी को महागौरी व नवमी को सिद्धिदात्री देवी के दर्शन पूजन ,हवन और हवन के लिये भक्तों की भयंकर भीड़ होती है।
मंदिर की क्या है विशेषता
मंदिर में महाकाली,महालक्ष्मी महासरस्वती की प्रतिमा के साथ अन्य देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित है । दूर्गा पूजा के दौरान नगर रक्षिका मां दूर्गा भ्रमण करती है इस क्रम में बड़ी पटनदेवी माता के साथ खोईछा बदलने की परंपरा है । मंदिर परिसर में भव्य हवन कुंड बना है । देवी को प्रतिदिन अलग-अलग सामाग्री का भोग लगता है । संगमरमर के पत्थरों से बनी इस मंदिर की सुंदरता देखते ही बनती है । नवरात्र के समय में शक्तिपीठ की सजावट देखने लोगों की अपार भीड़ लगती है ।
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