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मधेपुरा/मोतिहारी : महानवमी के अवसर पर बुधवार को मधेपुरा और मोतिहारी शहर में आस्था और भक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिला। सुबह से ही मधेपुरा जिले के मुरलीगंज सार्वजनिक दुर्गा मंदिर, रामपुर सार्वजनिक दुर्गा मंदिर, सहित जिले के विभिन्न मंदिरों, पूजा पंडालों और घरों में मां सिद्धिदात्री की विशेष पूजा-अर्चना और हवन किया गया । श्रद्धालुओं ने मां के चरणों में नारियल, फूल और दीप अर्पित कर आशीर्वाद मांगा।पूजा और हवन संपन्न होने के बाद भक्तों ने परंपरा के अनुसार अपने-अपने घरों में कन्या पूजन किया।
धार्मिक मान्यता के अनुसार- कन्या को देवी का स्वरूप माना जाता है, उनके पूजन के बिना नवरात्रि का व्रत अधूरा समझा जाता है
धार्मिक मान्यता के अनुसार, कन्या को देवी का स्वरूप माना जाता है और उनके पूजन के बिना नवरात्रि का व्रत अधूरा समझा जाता है। इसी परंपरा को निभाते हुए लोगों ने छोटी बच्चियों को अपने घर बुलाकर उनके चरण पखारे, तिलक लगाया और उन्हें स्वादिष्ट भोजन परोसा। पूड़ी, हलुआ, कचौड़ी और चने जैसी थाली कन्याओं को परोसी गई। पूजन के बाद उन्हें उपहार और दक्षिणा देकर विदा किया गया।
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मोतिहारी में पहली बार स्थापित हुई मां दुर्गा की अनोखी प्रतिमा, आकर्षण का केंद्र बना भैरव स्थान
मोतिहारी शहर में इस बार नवरात्र के अवसर पर मां दुर्गा की प्रतिमा विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। भैरव स्थान स्थित पूजा पंडाल में मां दुर्गा की ऐसी अनोखी मूर्ति स्थापित की गई है, जिसे देखने के लिए दूर-दराज से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। इस वर्ष यहां पूजा समिति ने मां के नौ रूपों को जोड़कर एक ही प्रतिमा स्थापित की है। प्रतिमा में मां दुर्गा के सभी नौ स्वरूप एक साथ नजर आ रहे हैं, जो श्रद्धालुओं के बीच चर्चा और आकर्षण का विषय बन गया है।
पिछले 50 वर्षों से यहां पूजा-अर्चना होती आ रही है – पूजा समिति के सदस्य राजकुमार
पूजा समिति के सदस्य राजकुमार ने बताया कि पिछले 50 वर्षों से यहां पूजा-अर्चना होती आ रही है। लेकिन इस बार हमने पहली बार मां के नौ रूपों को मिलाकर प्रतिमा स्थापित की है। हमें पूरा विश्वास है कि इस तरह की मूर्ति पूरे बिहार में कहीं और स्थापित नहीं की गई होगी। वहीं आचार्य बीरू पुरोहित ने जानकारी दी कि सामान्यत: नवरात्र के दस दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। मगर इस बार समिति ने परंपरा से हटकर सभी स्वरूपों को एक साथ प्रस्तुत किया है। श्रद्धालु इसे अद्भुत और दिव्य अनुभव मानते हुए लगातार दर्शन करने पहुंच रहे हैं। इस अनोखी मूर्ति ने नवरात्र के माहौल को और भी खास बना दिया है।
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रमण कुमार और सोहराब आलाम की रिपोर्ट