Ranchi-राज्य के विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के मामले झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में कुलाधिपति को नोटिस जारी किया है.
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बता दें कि इस संबंध में डॉ तस्लीम आरिफ ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिका में दावा किया गया था कि राज्य के विश्वविद्यालयों में राज्य सरकार को नियमावली बनाने का अधिकार नहीं है. राज्य सरकार 2017 में बनायी गयी नियामावली के आधार पर नियुक्ति कर रही है. मामले की सुनवाई करने के बाद अदालत ने कुलाधिपति को नोटिस जारी किया.
पंचायत चुनाव में पिछड़ों के लिए आरक्षण के लिए झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर
पंचायत चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण दिए बगैर पंचायत चुनाव की कोशिशों का विरोध शुरु हो गया है. ओबीसी मोर्चा पलामू के अध्यक्ष अजित मेहता और प्रेम प्रकाश ठाकुर ने इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार से सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करने के उपरान्त याचिका दायर करने का निर्णय लिया है.
इस मामले में बात करते हुए प्रेम प्रकाश ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से बगैर ओबीसी को आरक्षण की व्यवस्था किए ही पंचायत चुनाव करवाने की कोशिश की जा रही है, यह राज्य के 60 प्रतिशत पिछड़ों के साथ अन्याय है. सरकार की इस कोशिश को विरोध किया जाएगा, पिछड़ा वर्ग इसे किसी भी कीमत पर बर्दास्त नहीं करेगा. इसके लिए झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगायी जाएगी.
बता दें कि हाल ही में विभागीय मंत्री आलमगीर आलम ने बगैर आरक्षण के ही पंचायत चुनाव करवाने का संकेत दिया था, उसके बाद से ही पिछड़े वर्ग की ओर से धरना-प्रर्दशन शुरु हो गया है.
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