खूंटी के सायको थाना के दारोगा रामसुधीर सिंह ने जमीन विवाद के चलते बेगूसराय निवासी को झूठे NDPS केस में फंसाया, जांच में खुलासा होने पर एसपी ने किया सस्पेंड।
Khunti Police Scandal : झारखंड के खूंटी जिले में पुलिस की वर्दी पर दाग लगाने वाला मामला सामने आया है। सायको थाना में पदस्थापित दारोगा रामसुधीर सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग कर निजी रंजिश निकालने की कोशिश की। उन्होंने अपने पुराने जमीन विवाद के विरोधी अमरेंद्र कुमार (निवासी – बेगूसराय, बिहार) को अवैध अफीम की खेती (NDPS Act) के झूठे मामले में फंसा दिया।
यह मामला तब उजागर हुआ जब डीजीपी के निर्देश पर विशेष जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट में यह साबित हुआ कि दारोगा ने व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते गलत प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद खूंटी के एसपी मनीष टोप्पो ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दारोगा रामसुधीर सिंह को सस्पेंड कर दिया।
Key Highlights
खूंटी जिले के सायको थाना के दारोगा रामसुधीर सिंह को एसपी मनीष टोप्पो ने किया सस्पेंड।
जांच में खुलासा—दारोगा ने निजी जमीन विवाद में बेगूसराय निवासी को झूठे NDPS केस में फंसाया।
डीजीपी के निर्देश पर हुई जांच में सच्चाई सामने आई।
अब केस की जांच दारोगा प्रभात रंजन पांडेय को सौंपी गई।
आरोपी दारोगा पर विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू।
Khunti Police Scandal: यह है पूरा मामला
20 फरवरी 2025 को सायको थाना में कांड संख्या 13/25 के तहत NDPS एक्ट में केस दर्ज किया गया था। इस केस में मुख्य अभियुक्त लाखा पाहन को गिरफ्तार किया गया था। केस के अनुसंधानकर्ता दारोगा रामसुधीर सिंह ने लाखा पाहन के कथित बयान के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की कि अमरेंद्र कुमार ने खूंटी के जिलिंगकेला में अफीम की खेती के लिए उसे ₹25,000 दिए थे।
लेकिन डीएसपी स्तर की जांच में यह दावा पूरी तरह झूठा पाया गया। जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि अमरेंद्र कभी खूंटी नहीं गया था, न ही लाखा पाहन कभी बेगूसराय आया था। फोन रिकॉर्ड में भी दोनों के बीच कोई संपर्क नहीं मिला।
दरअसल, अमरेंद्र के पिता कौशल किशोर सिंह और रामसुधीर सिंह के परिवार के बीच 1996 से जमीन विवाद चल रहा था। वर्ष 2018 में कौशल किशोर ने रामसुधीर सिंह और उनके परिवार के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इसी रंजिश का बदला लेने के लिए दारोगा ने अपने पद का दुरुपयोग किया।
Khunti Police Scandal: आगे की कार्रवाई
जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद दारोगा रामसुधीर सिंह को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही, उनके खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। NDPS केस की जांच से उन्हें हटा दिया गया है और अब यह जिम्मेदारी दारोगा प्रभात रंजन पांडेय को दी गई है।
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