इलेक्ट्रॉनिक ब्लाइंड स्टिक नेत्रहीनों के लिए मददगार

इलेक्ट्रॉनिक ब्लाइंड स्टिक नेत्रहीनों के लिए मददगार

electronic blind stick helpful for the blind in hindi 22Scope News
इलेक्ट्रॉनिक ब्लाइंड स्टिक नेत्रहीनों के लिए मददगार

नेत्रहीनों को इलेक्ट्रॉनिक ब्लाइंड स्टिक हरेक काम में मदद करेगा. फिर चाहे अकेले घर से निकलना हो या फिर सड़क पार करना. सब आसान हो जाएगा.

दृष्टिहीन दिव्यांगों की जिंदगी में उजाला लाने के लिए हजारीबाग के 11वीं के छात्र शहनवाज ने जो ब्लाइंड स्टिक का अविष्कार किया है वो बेहद कमाल है.

दरअसल हजारीबाग के 11वीं कक्षा के बाल वैज्ञानिक शहनवाज ने ऐसा उपकरण बनाया है.

जिससे दृष्टिहीन व्यक्तियों के जीवन में बदलाव आ जाएगा और वह खुद पर आत्मनिर्भर हो जाएंगे.

स्टिक में लगा है सेंसर, जो नेत्रहीनों हर काम में मदद करेगा

इस स्टिक में एक सेंसर लगाया गया है जो नेत्रहीनों को हरेक तरह की जानकारी उपलब्ध कराता है.

अगर उन्हें एक छोर से दूसरे छोर जाना है और बीच में गाड़ी आ जाए तो वह गाड़ी वालों को संदेश भी ब्लाइंड स्टिक के जरिए दे सकते हैं.

इस छड़ी में एक बल्ब लगा हुआ है जो आने वाले व्यक्ति को यह बताएगा कि सड़क पर चलने वाला इंसान दृष्टिहीन है.

ब्लाइंड स्टिक के सेंसर को जीपीआरएस से भी जोड़ा गया है.

जिससे घर वालों को ब्लाइंड व्यक्ति के लोकेशन के बारे में जानकारी मिलती रहती है.

सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इस स्टिक को बनाने में महज 8 हजार रुपये ही खर्च हुए हैं.

छात्र ने अपनी सोच को धरातल पर उतारा

जिसके बड़े पैमाने पर उत्पादन के बाद कीमत दो से ढाई हजार के बीच रहने की संभावना है. छात्र ने अपनी सोच को धरातल पर उतारा है. ऐसे में इंस्पायर अवार्ड में भी उसे जगह मिली है.

जिला स्तर से वह राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा है. अब उसका प्रोजेक्ट नीति आयोग के पास विचाराधीन है.

इनोवेशन सेल इस अविष्कार पर सोच रहा है कि कैसे आविष्कार को धरातल पर उतारा जाए. जिससे दृष्टिहीन दिव्यांगों को मदद मिल सके.

छात्र यह भी बताता है कि दृष्टिहीन व्यक्ति हमेशा घर पर रहते हैं और परिवार वालों की उन्हें जरूरत होती है. दृष्टिहीन व्यक्ति घर से बाहर भी नहीं निकल सकते.

ऐसे में उनका जीवन उबाऊ हो जाता है और वे दूसरे पर निर्भर रहने लिते हैं.

इस समस्या को देखते हुए हमने दृष्टिहीन व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उपकरण बनाया है.

शिक्षक भी अविष्कार को लेकर हुए उत्साहित

शिक्षक भी अविष्कार को लेकर उत्साहित हैं. उनका कहना है कि यह उपकरण व्यक्ति या गाड़ी को डिटेक्ट नहीं करता.

बल्कि सड़क पर अगर कीचड़ भी है तो वह इसकी जानकारी दृष्टिहीन व्यक्ति को देता है.

कैमरा, जीपीआरएस ,लाइट ,सेंसर से ब्लाइंड स्टिक लैस है.

शिक्षक के मुताबिक छात्रों को थोड़ा मदद और प्रोत्साहित करने पर वह अच्छा कर सकते हैं.

शाहनवाज ने दृष्टिहीन व्यक्तियों के लिए उपयोगी उपकरण बनाया है. उपकरण बनाने से दूसरे छात्र भी प्रोत्साहित होंगे.

दिव्यांगों को मिली राहत

देश में दृष्टिहीन दिव्यांग अब सड़क पर बेधड़क होकर चल सकेंगे.

उन्हें न तो किसी का सहारा लेना पड़ेगा और न ही उनके परिवार को अब उनके लिए चिंतिंत होने की आवश्यकता होगी.

छात्र की खोज पर स्कूल ही नहीं हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने भी सराहना की है ।

रिपोर्टर: आशीष सिन्हा

Trending News

Social Media

157,000FansLike
27,200FollowersFollow
628FollowersFollow
679,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img