Ranchi: Jharkhand High Court ने गुरुवार को रांची स्थित राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) को अस्पताल की 62वीं गवर्निंग बॉडी द्वारा लिए गए सभी फैसलों को दो महीने के भीतर लागू करने का आदेश दिया है। ये बैठक 9 अक्टूबर को हुई थी, जिसमें अस्पताल प्रशासन से जुड़े कई अहम निर्णय लिए गए थे।
कोर्ट ने झारखंड लीगल सर्विस अथॉरिटी (JHALSA) के मेंबर सेक्रेटरी को RIMS की वास्तविक स्थिति का आकलन करने के लिए एक जांच समिति गठित करने का भी निर्देश दिया है। समिति अस्पताल की चिकित्सा सुविधाओं, संसाधनों और व्यवस्था का विस्तृत निरीक्षण करेगी।
कौन-कौन से बिंदुओं की होगी जांच?
जांच समिति अस्पताल में मौजूद सुविधाओं और मरीजों को मिल रही सेवाओं को लेकर कई अहम विषयों पर रिपोर्ट तैयार करेगी, जिनमें शामिल हैं—
- पीने के पानी की उपलब्धता
- मशीनरी और मेडिकल उपकरणों की स्थिति
- अस्पताल में दवाओं की सप्लाई
- क्या मरीजों को दवाइयां बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं
- कैंपस की स्वच्छता
- डॉक्टरों द्वारा निजी प्रैक्टिस की शिकायतें
कोर्ट ने कमेटी को 10 दिन के भीतर रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है।
PIL पर सुनवाई के बाद आया आदेश:
यह फैसला चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की डिवीजन बेंच ने ज्योति शर्मा की ओर से दायर एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई के दौरान दिया। याचिकाकर्ता का कहना है कि RIMS में बड़ी संख्या में पद खाली हैं, और उपकरणों तथा बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण मरीजों को गंभीर असुविधा हो रही है।
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि RIMS प्रशासन ने कई बार कोर्ट में अनुपालन का आश्वासन दिया है, लेकिन जमीनी स्तर पर बहुत कम बदलाव हुए हैं।
राज्य सरकार का पक्ष:
सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि गवर्निंग बॉडी के कई निर्णयों पर काम चल रहा है और जल्द ही अस्पताल के लिए नई MRI मशीन खरीदी जाएगी। सरकार ने कहा कि स्थिति में सुधार के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। अब इस पूरे मामले पर अगला कदम जांच रिपोर्ट और अस्पताल प्रशासन की प्रगति पर निर्भर करेगा।
Highlights

