PM Modi मौजूदा समय में दक्षिण अफ्रीका में है. जहां वह G20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए गए हैं. आज (21 नवंबर) को पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग पहुंचे. प्रधानमंत्री तीन दिन तक वहीं रहेंगे. दक्षिण अफ्रीका पहली बार G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहा है. G20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान वैश्विक विकास के मानकों पर गहन पुनर्विचार करने का आह्वान किया.
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि G20 ने वैश्विक वित्त और विकास को लंबे समय से आकार दिया है. मगर मौजूदा समय में इस्तेमाल में लाई जा रही मॉडल ने एक बहुत बड़ी आबादी को संसाधनों से वंचित कर दिया है. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा सभी को साथ लेकर समावेशी और सतत आर्थिक विकास के बारे में सोचना चाहिए.
PM Modi ने ये कहा
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, ‘पिछले कई दशकों में, जी-20 ने वैश्विक वित्त और वैश्विक आर्थिक विकास को दिशा दी है, लेकिन विकास के जिन पैरामीटर्स पर अबतक काम हुआ है, उनके कारण बहुत बड़ी आबादी संसाधनों से वंचित रह गई है. साथ ही, प्रकृति के अति शोषण को भी बढ़ावा मिला है. अफ्रीका इसका बहुत बड़ा भुक्तभोगी है.
आज जब अफ्रीका पहली बार जी-20 समिट की मेजबानी कर रहा है, तो यहां हमें विकास के पैरामीटर्स पर फिर से विचार करना चाहिए. इसका एक रास्ता भारत की सभ्यता के मूल्यों में है और वो रास्ता इंटग्रल ह्यूमनिज्म का है. यानि हमें मानव, समाज और प्रकृति तीनों को एक इंटिग्रेटेड होल के रूप में देखना होगा. तभी प्रगति और प्रकृति के बीच सद्भाव संभव हो पाएगी.’
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जी-20 शिखर सम्मेलन के तीनों सत्रों में पीएम मोदी का संबोधन
विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री शिखर सम्मेलन के तीनों प्रमुख सत्रों में विचार व्यक्त करेंगे. पहला सत्र ‘समावेशी और सतत आर्थिक विकास-किसी को पीछे न छोड़ना’ पर केंद्रित रहेगा. आयोजित इस सत्र के दौरान व्यापार की भूमिका, अर्थव्यवस्था के निर्माण, विकास के लिए वित्तपोषण और ऋण बोझ जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी. वहीं दूसरा सत्र ‘एक सक्षम और लचीली दुनिया-जी-20 का योगदान’ पर आधारित होगा. इसमें आपदा जोखिम न्यूनीकरण, जलवायु परिवर्तन, न्यायसंगत ऊर्जा परिवर्तन और वैश्विक खाद्य प्रणालियों को मजबूती देने पर विचार-विमर्श किया जाएगा.
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