Ranchi: झारखंड विधानसभा में होने वाले शीतकालीन सत्र की तैयारियों को लेकर विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने राज्य के मुख्य सचिव सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने सत्र के सुचारू संचालन के लिए कई निर्देश जारी किए और स्पष्ट कहा कि अधिकारियों का उदासीन रवैया कतई स्वीकार्य नहीं होगा।
विधेयकों की बारीकी से जांच करने का निर्देश:
स्पीकर ने कहा कि विधानसभा के पटल पर रखे जाने वाले किसी भी विधेयक की पूरी तरह जांच होनी चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि—विधेयकों के हिंदी और अंग्रेजी रूपांतरण में कोई त्रुटि न हो, सभी आवश्यक दस्तावेज समय पर विधानसभा को उपलब्ध कराए जाएं और सत्र के दौरान राज्य के वरिष्ठ अधिकारी दीर्घा में मौजूद रहें। उन्होंने कहा कि कई बार अधिकारी सत्र को लेकर लापरवाह रहते हैं, जिससे सदन की कार्यवाही प्रभावित होती है। इसे हर हाल में रोका जाना चाहिए।
सरकार की तैयारी पूरी, विपक्ष से भी सहयोग की उम्मीद:
बैठक के दौरान वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि शीतकालीन सत्र की अवधि भले ही कम हो, लेकिन यदि पक्ष और विपक्ष दोनों मिलकर इसे सार्थक बनाएं, तो जनता को इसका सीधा लाभ मिलेगा। मंत्री ने बताया कि सरकार की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और उम्मीद है कि विपक्ष भी सदन को सुचारू रूप से चलाने में पूर्ण सहयोग देगा।
प्रशासन और विधायिका की संयुक्त जिम्मेदारी:
शीतकालीन सत्र को सफल बनाने के लिए स्पीकर ने स्पष्ट किया कि यह केवल विधायिका की नहीं, बल्कि प्रशासन की भी संयुक्त जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें और सत्र के दौरान किसी भी प्रकार की तकनीकी या प्रक्रिया संबंधी बाधा न आने दें।
रिपोर्टः सौरभ सिंह
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