रक्षाबंधन : भाई को कभी भी इस दिशा में बैठाकर नहीं बांधनी चाहिए राखी, होता है अपशकुन, जानिए सबसे उत्तम मुहूर्त

नई दिल्ली : रक्षाबंधन के त्योहार पर कई खास संयोग बन रहे हैं। आज बहनें अपने भाइयों के कलाई पर राखी बांध रहीं हैं और भाइयों के दीर्घ आयु और सुखी जीवन की कामना भी कर रही हैं। भाई भी उन्हें सतत और हर परिस्थितियों में रक्षा करने का वचन दे रहें हैं। आज रक्षा बंधन के शुभ अवसर पर दो शुभ योग बन रहे हैं। पहला शोभन योग जो सुबह 10 बजकर 30 मिनट तक है और दूसरा धनिष्ठा नक्षत्र, जो आज शाम 07:40 बजे तक है। आज राखी का पर्व भद्रा रहित है।

गुरु और चंद्रमा की युति से गज केसरी योग बन रहा है। साथ ही कुंभ राशि में चंद्रमा के प्रवेश करते ही मकर राशि में शनि के साथ बना विष योग भी आज समाप्त हो गया है। हालांकि रक्षा बंधन के त्योहार पर वास्तु की बारीकियों को ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है।

आज पूरे देश में रक्षा बंधन का त्योहार बड़े धूम-धाम के साथ मनाया जा रहा है। रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम व विश्वास का प्रतीक है।

आज सावन पूर्णिमा भी है सावन पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करके पितृ के निवृत दान-पुण्य किया जाता है। इससे पितर खुश होकर आशीर्वाद देते हैं। आज रविवार के दिन सूर्य पूजा और सूर्य देव के मंत्रों का जाप करना उत्तम होता है।

ज्योतिषविदों का कहना है कि रक्षा बंधन के दिन भाई-बहनों को कई खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते वक्त कुछ खास बातों पर ध्यान न देना बड़ा अपशकुन माना जाता है।

राखी बांधते वक्त बहनों का चेहरा दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। जबकि भाइयों को उत्तर-पूर्व दिशा की ओर देखना चाहिए. इस दौरान किसी अन्य दिशा में ना देखें। भूलकर भी उत्तर-पश्चिम दिशा में बैठकर राखी ना बंधवाएं।

ज्योतिषविद कहते हैं कि भाई की कलाई पर कभी काले रंग का धागा या राखी, टूटी या खंडित राखी, प्लास्टिक की राखी और अशुभ चिह्नों वाली राखी नहीं बांधनी चाहिए. ऐसा करना बहुत अशुभ हो सकता है।

राखी बंधवाते वक्त भाई को जमीन पर नहीं बैठाना चाहिए। भाई को पीढ़े पर ही बैठाना चाहिए और उसके सिर पर रुमाल या कोई साफ कपड़ा होना जरूरी है। ऐसा करने से भाई और बहन दोनों का भाग्योदय होता है।

राहुकाल और भद्रा काल में कभी राखी नहीं बांधनी चाहिए। रक्षा बंधन पर इस साल भद्रा का साया नहीं रहेगा, लेकिन आज शाम 5 बजकर 14 मिनट से लेकर 6 बजकर 49 मिनट तक राहु काल रहेगा जिसमें भाई को राखी बिल्कुल ना बांधें।

रक्षा सूत्र तीन धागों का होना चाहिए। लाल, पीला और सफेद। अन्यथा लाल और पीला धागा तो होना ही चाहिए। रक्षा सूत्र में चंदन लगा हो तो बेहद शुभ होगा। कुछ न होने पर कलावा भी श्रद्धापूर्वक बांध सकते हैं।

भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते वक्त बहनों को ‘येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचलः’ मंत्र का जाप करना चाहिए. इससे भाई की विशेष कामनाओं की सिद्धि होती है।

आज सावन शुक्ल पूर्णिमा और रक्षा बंधन का त्योहार है. रक्षा बंधन के अवसर पर दो शुभ योग बन रहे हैं। जिसमें राखी बांधना सबसे उत्तम है।

आज का शुभ समय

• अभिजित मुहूर्त: आज दिन में 11 बजकर 58 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक

• ब्रह्म मुहूर्त- 23 अगस्त को सुबह 4 बजकर 26 मिनट से 5 बजकर 10 मिनट तक

• विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 34 मिनट से दोपहर 03 बजकर 26 मिनट तक

• अमृत काल: आज सुबह 09 बजकर 34 मिनट से दिन में 11 बजकर 07 मिनट तक

• निशीथ काल- मध्य रात्रि 12 बजकर 2 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक

• गोधूलि बेला- शाम 6 बजकर 40 मिनट से 7 बजकर 5 मिनट तक

रक्षाबंधन 2021 शुभ मुहूर्त


• आज सुबह 06:15 बजे से शाम को 05:31 बजे तक।
• राखी बांधने के लिए दोपहर का समयसबसे उत्तम : 01:42 बजे से शाम 04:18 बजे तक।

सूर्य और चन्द्रमा के उदय एवं अस्त होने का समय

सूर्योदय और सूर्यास्त: आज के दिन सूर्योदय प्रात:काल 5 बजकर 54 मिनट पर हुआ है, वहीं सूर्यास्त शाम को 06 बजकर 53 मिनट पर होगा।
चंद्रोदय और चंद्रास्त: आज का चंद्रोदय शाम 7 बजकर 10 मिनट पर होगा।

भारतीय पंरपरा में राखी बंधन का इतिहास

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