SriLanka: गोटाबाया राजपक्षे का इस्तीफा मंजूर, विक्रमसिंघे अंतरिम राष्ट्रपति की लेंगे शपथ

स्पीकर ने राजपक्षे का इस्तीफा किया स्वीकार

कोलंबो : श्रीलंका में सियासी और आर्थिक संकट के बीच देश से फरार हुए गोटाबाया राजपक्षे ने

राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद स्पीकर ने राजपक्षे का इस्तीफा स्वीकार कर लिया.

साथ ही स्पीकर ने ये भी ऐलान किया है कि प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे

नए नेता के निर्वाचित होने तक राष्ट्रपति का प्रभार संभालेंगे.

उन्होंने जनता से निर्वाचन की प्रक्रिया में सभी सांसदों के

भाग लेने के लिए शांतिपूर्ण माहौल बनाने का अनुरोध किया.

स्पीकर ने कहा कि इस्तीफा मंजूर होने के बाद अब 7 दिन के भीतर

नए राष्ट्रपति की नियुक्ति की जाएगी.

श्रीलंका में जारी बवाल के बीच स्पीकर का ये बयान काफी ज्यादा मायने रखता है,

क्योंकि पिछले कई दिनों से हजारों प्रदर्शनकारी गोटाबाया के इस्तीफे और नए राष्ट्रपति की नियुक्ति की मांग कर रहे थे.

प्रदर्शनकारियों को शांत कराने की कोशिश

बताया गया है कि, कुछ देर में श्रीलंका के स्पीकर तमाम दल के नेताओं के साथ बैठक करेंगे. जिसके बाद आगे की रणनीति पर चर्चा होगी. फिलहाल सबसे पहले प्रदर्शनकारियों को शांत कराने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए स्थानीय नेताओं को भी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.

मालदीव से सिंगापुर पहुंचे राजपक्षे

इससे पहले गुरुवार शाम राजपक्षे ने राष्ट्रपति पद से अपना इस्तीफा ईमेल किया था. इसकी आधिकारिक घोषणा करने से पहले स्पीकर ने अटॉर्नी जनरल से मशविरा करने का फैसला किया. इससे पहले श्रीलंका से भागकर मालदीव पहुंचे राजपक्षे, गुरुवार को सिंगापुर पहुंच गए.

मालदीव सरकार पर आरोप

राजपक्षे को पनाह देने को लेकर जब मालदीव सरकार पर भारी दबाव पड़ा तो उसे भी अपने हाथ खींचने पड़े. मालदीव सरकार पर आरोप लगाए गए कि उसने आर्थिक अपराध में संलिप्त होकर देश की अर्थव्यवस्था को डुबोने वाले व्यक्ति को संरक्षण दिया है, जो अपने देश का भगोड़ा है.

राजपक्षे ने ईमेल पर भेजा इस्तीफा

आखिरकार राजपक्षे ने फिर अपना ठिकाना बदला. सऊदी एयरलाइंस की उड़ान संख्या एसवी 788 से गुरुवार शाम वे सिंगापुर चांगी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे. यहां पहुंचकर राजपक्षे ने अपना इस्तीफा ईमेल कर दिया. राजपक्षे के सिंगापुर में पनाह दिए जाने को लेकर सिंगापुर विदेश मंत्रालय का कहना है कि राजपक्षे ने शरण दिये जाने को लेकर न तो आवेदन किया है और न ही उन्हें शरण प्रदान किया गया है. राजपक्षे को निजी यात्रा के लिए सिंगापुर में प्रवेश की अनुमति दी गई है.

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