Ranchi- भतीजे ने चाचा को आजाद कर दिया है. तो दूसरी तरफ अपने सहयोगी को भी जहां सम्मान मिले,
वहां जाने की नसीहत दे डाली है.
सहयोगी ने भी प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और कहा है कि तलाक़ कबूल है.
बातें हो रही हैं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की उनके चाचा शिवपाल यादव और उनके सहयोगी ओपी राजभर संग रिश्ते की.
दरअसल शनिवार को समाजवादी पार्टी ने एक पत्र जारी कर ओमप्रकाश राजभर से कहा कि
वह अपना रास्ता अलग कर सकते हैं.
पत्र में समाजवादी पार्टी की ओर से लिखा गया “श्री ओमप्रकाश राजभर जी,
समाजवादी पार्टी लगातार भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ रही है.
आपका भारतीय जनता पार्टी के साथ गठजोड़ है और
लगातार भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं.
अगर आपको लगता है कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं।”
जबकि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को भी twitter पर एक पत्र लिखकर आजाद कर दिया गया है.
शिवपाल सिंह यादव को लिखे पत्र में कहा गया है कि
“माननीय शिवपाल सिंह यादव जी, अगर आपको लगता है कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं।”
शिवपाल यादव और ओमप्रकाश राजभर हाल के दिनों में अखिलेश यादव पर ख़ासे हमलावर रहे हैं.
हाल ही में राजभर की मुलाकात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी हुई थी.
राष्ट्रपति चुनाव में ओपी राजभर और शिवपाल सिंह यादव की भूमिका को देखते हुए अखिलेश यादव नाराज बताए जा रहे हैं.
अभी यह पता नहीं चल पाया है की ओपी राजभर और
शिवपाल सिंह यादव का अगला ठिकाना क्या होगा?
लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि राजभर बहुजन समाज पार्टी से दोस्ती कर सकते हैं.
जबकि शिवपाल अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी को ही बढ़ाने पर काम कर सकते हैं.
जो भी हो पर राजभर से गठबंधन टूटने से पूर्वी उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है.