Patna– बिहार में एनडीए को एक और झटका मिल सकता है,
एनडीए का हिस्सा रहे राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी पारस गुट के पांच में तीन सदस्य महागबंधन का दामन थाम सकते हैं.
बिहार के राजनीतिक गलियारों में यह खबर तेजी से फैल रही है कि पारस गुट के खगड़िया के सांसद महबूब अली कैसर,
वैशाली से वीणा देवी और नवादा से सांसद चंदन सिंह एनडीए छोड़ महागठबंधन का हिस्सा बन सकते हैं.
इसमें से महबूब अली कैसर राजद के साथ जबकि वीणा देवी और चंदन सिंह जदयू में की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं.
एनडीए में सांसदों को नहीं दिख रहा है अपना भविष्य
यहां याद रहे कि एनडीए से अलग होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमारा के द्वारा
महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बनाते ही बिहार की राजनीति में इन दिनों भूचाल की स्थिति है.
भाजपा जहां इसे जनादेश का अपमान बतला रही है,
बिहार में भाजपा की ओर से धरना प्रर्दशन का दौर जारी है,
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोपों की बौछार की जा रही है,
वहीं जदयू और राजद की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पीएम फेस बतलाया जा रहा है,
दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार सारे विपक्षी दलों को एक जुट कर नरेन्द्र मोदी की इस कथित आंधी पर विराम लगा सकते हैं,
जदयू का मानना है कि यदि झारखंड, बिहार और
उत्तर प्रदेश में ही कमर कस लिया जाय को एनडीए को कम से कम 50 सीटों का नुकसान पहुंचाया जा सकता है.
इसके बाद विपक्ष का राह आसान हो जाएगी,
वह अपनी शर्तो पर सरकार का गठन करवा सकता है.
सांसदों को सत्ता रही है अपनी भविष्य की चिंता
इस परिस्थिति में पारस गुट के सांसदों को यह महसूस होने लगा है कि
एनडीए का हिस्सा रहकर वह 2024 में अपनी चुनावी बैतरणी को पार नहीं कर सकते हैं,
क्योंकि जदयू राजद और कांग्रेस के मिलने के बाद उनकी जीत की राह में पहाड़ खड़ा हो चुका है.
यही कारण है कि उनके अन्दर एक छटपटाहट दिख रही है और
महागठबंधन इस बेचैनी का फायदा लेने की कोशिश में जुट गया है.
सांसद वीना सिंह ने किया खंडन
इस बीच वैशाली से सांसद वीना सिंह ने महागठबंधन के साथ जाने की खबरों का खंडन किया है. उन्होने इस अफवाह बताते हुए कहा कि हम लोजपा के साथ ही बने रहेंगे.
रिपोर्ट- शक्ति
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