हिंदी दिवस-सीएम हेमंत ने शुरु की अपनी मन की बात

Ranchi- हिंदी दिवस पर झारखंड सरकार की ओर से प्रोजेक्ट भवन में आयोजित कार्यक्रम संबोधित करते हुए सीएम हेमंत ने कहा कि

यहां आने के पहले अधिकारियों की ओर से कुछ पन्ने दिये गये थें, उन पन्नों को यहां पढ़ा जाना था,

लेकिन हमारे लिए आज हिंदी दिवस के अवसर उन पन्नों को पढ़ना मुनासिब नहीं था.

हिंदी दिवस पर बोलते हुए कुछ प्रश्नों का सामना कर रहा हूं- सीएम हेमंत

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि हिंदी दिवस के अवसर बोलते हुए मैं खुद भी कुछ प्रश्नों का सामना कर रहा हूं,

लेकिन इतना साफ है कि अपनी संपत्ति की देखभाल से भी ज्यादा जरुरी अपनी भाषा का संरक्षण की होती है,

इसकी चोरी सबसे बड़ी चोरी होती है. भाषा के साथ आपकी सभ्यता और संस्कृति पर खत्म हो जाती है.

अपनी भाषा के विलुप्त होते ही असुर जनजाति भी विलुप्त होने लगें

कभी हमारे असुर जनजाति के लोग लोहे के सामान बनाते थें, उनके लोहे की गुणवता होती थी,

लेकिन उनकी भाषा के साथ ही असुर भी आज विलुप्त होने के कगार है,

इसका सीधा अर्थ है कि भाषा के साथ ही आपका अस्तित्व जुड़ा है.

इसका संरक्षण और संबर्धन की लड़ाई अपने अस्तित्व की लड़ाई है.

हिंदी, संताली, अंग्रेजी सभी भाषाओं के साथ खड़ा हूं

सीएम हेमंत ने कहा कि मैं जीतना हिंदी के साथ ही खड़ा हूं, उतना ही संताली के साथ भी खड़ा हूं,

अंग्रेजी के साथ भी खड़ा हूं, मैं हर भाषा के साथ खड़ा हूं.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जिस प्रकार तिरंगा की कोई भाषा नहीं होती,

उसकी एक ही भाषा होती है वह है भारतीयता का, हम सभी भारतीय है, तिरंगे का यही संदेश है,

उसी प्रकार भाषा भी हमें जोड़ने की काम करती है.

सीएम हेमंत ने कहा कि हर भाषा की अपनी महत्ता है, उसकी अपनी विशेषता है,

स्थानीय भाषाओं के इस्तेमाल से ही हम सरकार की नीतियों को आम जनों तक पहुंचा सकते हैं,      

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