रांची : शारदीय नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी (Maa Katyayani) की पूजा हो रही है.
नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है.
आज 1 अक्टूबर है ऐसे में मां दुर्गा के स्वरूप मां कात्यायनी को समर्पित होता है.
मां कात्यायनी के स्वरूप की बात करें तो माता रानी का स्वरूप अत्यंत भव्य व चमकीला है.
मां की चार भुजाएं हैं और मां का वाहन सिंह हैं.
जानें नवरात्रि के छठवें दिन की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, भोग, मंत्र व आरती-
शारदीय नवरात्रि: मां कात्यायनी का स्वरूप
शास्त्रों के अनुसार माता का स्वरूप स्वर्ण के समान चमकीला है और उनकी चार भुजाएं हैं. प्रत्येक भुजा में माता ने तलवार, कमल, अभय मुद्रा और वर मुद्रा धारण किया है. माता कात्यायनी को लाल रंग सर्वाधिक पसंद है. किंवदंतियों के अनुसार महर्षि कात्यायन की तपस्या के बाद माता कात्यायनी ने उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिया था. मां दुर्गा इन्हीं के रूप में महिषासुर का वध कर उसके आतंक से देव और मनुष्यों को भय मुक्त किया था.
मां कात्यायनी का मंत्र
ॐ देवी कात्यायन्यै नम:॥
मां कात्यायनी का प्रार्थना मंत्र
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥
मां कात्यायनी स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
मां कात्यायनी पूजा विधि
नवरात्रि पर्व के छठे दिन सबसे पहले स्नान-ध्यान के बाद कलश पूजा करें और इसके बाद मां दुर्गा की और माता कात्यायनी की पूजा करें. पूजा प्रारंभ करने से पहले मां को स्मरण करें और हाथ में फूल लेकर संकल्प जरूर लें. इसके बाद वह फूल मां को अर्पित करें. फिर कुमकुम, अक्षत, फूल आदि और सोलह श्रृंगार माता को अर्पित करें. उसके बाद उनके प्रिय भोग शहद को अर्पित करें और मिठाई इत्यादि का भी भोग लगाएं. फिर जल अर्पित करें और घी के दीपक जलाकर माता की आरती करें. आरती से पहले दुर्गा चालीसा व दुर्गा सप्तशती का पाठ करना ना भूले.
शारदीय नवरात्रि: मां कात्यायनी की पूजा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां कात्यायनी की पूजा- अर्चना करने से विवाह में आ रही परेशानियां दूर हो जाती हैं. मां कात्यायनी की पूजा करने से कुंडली में बृहस्पति मजबूत होता है. मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाने से सुंदर रूप की प्राप्ति होती है. मां कात्यायनी की विधि- विधान से पूजा- अर्चना करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है. शत्रुओं का भय समाप्त हो जाता है. मां कात्यायनी की कृपा से स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से भी छुटकारा मिल जाता है.
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