9/11 हमले के 20 साल : तालिबान ने अफगानिस्तान सरकार के शपथ-ग्रहण समारोह को किया रद्द

आज ही के दिन WTC पर हुए आतंकी हमले से दहल उठी थी दुनिया

आतंकी हमले से 3000 हजार लोगों की हुई थी मौत

राष्ट्रपति जो बाइडेन मारे गए लोगों को याद कर दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली : इतिहास में 11 सितंबर का दिन एक दुखद घटना के साथ दर्ज है। दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के सीने पर इस दिन हुए घातक आतंकी हमले ने एक ऐसा जख्म दिया, जिसकी टीस आज भी पूरी दुनिया पर कायम है। आज इस हमले की 20वीं बरसी है। इस मौके पर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ट्वीट कर अमेरिकियों को एक संदेश दिया है।

सहयोगियों के दबाव में तालिबान ने शपथ-ग्रहण समारोह को किया रद्द

अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद अमेरिका के सबसे बड़े जख्म पर नमक छिड़कने की तैयारी में जुटे तालिबान ने अब अपना इरादा बदल लिया है। रिपोर्ट की मानें तो तालिबान ने 9/11 आतंकी हमले की बरसी पर होने वाले अफगानिस्तान सरकार के शपथ-ग्रहण समारोह को रद्द कर दिया है। रूस की समाचार एजेंसी ने बताया कि तालिबान ने अफगानिस्तान में अपनी नवगठित अंतरिम सरकार के शपथ-ग्रहण समारोह को सहयोगियों के दबाव के बाद रद्द कर दिया है।

अरबों डॉलर खर्ज करने के बावजूद भी अमेरिका नहीं काट पाया तालिबानी की जड़ें

दो दशक में अरबों डॉलर धन और हजारों सैनिकों की कुर्बानी के बावजूद अमेरिका तालिबान की जड़ें नहीं काट पाया। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी से पहले ही तालिबान ने काबुल सहित पूरे देश पर कब्जा जमा लिया। अलकायदा और हक्कानी नेटवर्क सहित कई आतंकवादी संगठनों को अफगानिस्तान में एक बार फिर खुला मैदान मिल गया है, जहां से वह अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने की कोशिश कर सकते हैं।

सांस्कृतिक आयोग के सदस्य इनामुल्ला समांगानी ने ट्वीट कर दी जानकारी

अफगान सरकार के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य इनामुल्ला समांगानी ने ट्विटर पर कहा कि नई अफगान सरकार का शपथ-ग्रहण समारोह कुछ दिनों पहले रद्द कर दिया गया था। लोगों को और भ्रमित न करने के लिए इस्लामिक अमीरात के नेतृत्व ने कैबिनेट की घोषणा की और यह पहले से ही काम करना शुरू कर दिया है। बता दें कि 9/11 आतंकी हमला अमेरिका के इतिहास का काला दिन है, जिसमें करीब 3000 से अधिक लोगों की मौतें हो गई थीं।

एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है : बाइडेन

राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है, ‘’11 सितंबर 2001 के 20 साल बाद हम 2977 लोगों को याद करते हैं, जिन्हें हमने खो दिया। हम इन लोगों का सम्मान करते हैं। जैसा कि हमने आने वाले दिनों में देखा, एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है। यही हमें बनाता है कि हम कौन हैं और हम इसे कभी नहीं भूल सकते।’’

भारत समेत इन देशों को शपथ ग्रहण में शामिल होने का दिया है न्योता

तालिबान ने सरकार गठन से पहले चीन, तुर्की, पाकिस्तान, ईरान, कतर और भारत जैसे पड़ोसी देशों के साथ ही अमेरिका को भी शपथ ग्रहण में शामिल होने का न्योता दिया है। तालिबान ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब अधिकतर देशों ने कह दिया है कि वे तालिबान को मान्यता देने में जल्दबाजी नहीं करेंगे। दो बार टालने के बाद तालिबान ने बीते मंगलवार को अंतरिम सरकार के गठन का ऐलान किया। हालांकि, रूस ने तालिबान के निमंत्रण को ठुकरा दिया है और कहा है कि वह शपथ-ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होगा।

ऐसे अलकायदा ने किया था हमला

20 साल पहले 2001 में अलकायदा के आतंकवादियों ने अमेरिका पर अब तक का सबसे भयानक हमला किया था। विमानों को हाईजैक करके आतंकवादियों ने वर्ल्ड ट्रेड सेंडर के ट्विन टावर और पेंटागन मुख्यालय से टकरा दिया था। इन हमलों में 3 हजार से अधिक लोग मारे गए थे। इसका बदला लेने के लिए ही अमेरिका ने अफगानिस्तान में सैनिक अभियान की शुरुआत की थी। इस दौरान तालिबान को सत्ता से हटाया गया तो अलकायदा सहित कई आतंकी ठिकानों पर बमबारी की गई।

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