महाअष्टमी पर ऐसे करें देवी महागौरी की पूजा

रांची : शारदीय नवरात्रि की अष्टमी आज है. इसे महाअष्टमी और दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है.

नवरात्रि के आठवें दिन मां शक्ति के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की होती है.

आज 2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष की आयु की कन्या को घर पर बुलाकर उनका स्वागत और पूजा की जाती है.

देवी महागौरी के पूजन से पाप कर्म से छुटकारा मिलता है.

नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि का खास महत्व होता है.

इस साल महा अष्टमी पर बहुत शुभ योग बन रहा है जिसमें देवी की पूजा के दोगुना फल मिलेगा.

आइए जानते हैं अष्टमी पर कैसे करें मां महागौरी की पूजा, मंत्र, भोग, योग और आठवें दिन का शुभ रंग.

महाअष्टमी: मां महागौरी की महिमा

वृषभ पर सवार मां महागौरी का रंग बेहद गौरा है, इसी वजह से देवी के इस स्वरूप को महागौरी कहा जाता है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी ने कठोर तप से गौर वर्ण प्राप्त किया था.

महागौरी करुणामयी, स्नेहमयी, शांत तथा मृदुल स्वभाव वाली हैं.

चार भुजाओं वाली देवी महागौरी त्रिशूल और डमरू धारण करती हैं. दो भुजाएं अभय और वरद मुद्रा में रहती हैं.

इन्हें धन ऐश्वर्य प्रदायिनी, शारीरिक मानसिक और सांसारिक ताप का हरण करने वाली माना गया है.

नवरात्रि अष्टमी 2022 मां महागौरी पूजा

महा अष्टमी पर घी का दीपक लगाकर देवी महागौरी का आव्हान करें और मां को

रोली, मौली, अक्षत, मोगरा पुष्प अर्पित करें.

इस दिन देवी को लाल चुनरी में सिक्का और बताशे रखकर जरूर चढ़ाएं इससे मां महागौरी प्रसन्न होती हैं.

नारियल या नारियल से बनी मिठाई का भोग लगाएं. मंत्रों का जाप करें और अंत में मां महागौरी की आरती करें. कई लोग अष्टमी पर कन्या पूजन और हवन कर व्रत का पारण करते हैं. महा अष्टमी पर देवी दुर्गा की पूजा संधि काल में बहुत लाभकारी मानी गई है.

प्रिय भोग-फूल

महागौरी को नारियल का भोग अति प्रिय है. देवी का प्रिय फूल मोगरा माना जाता है. मान्यता है ये दो चीजें देवी को अर्पित करने पर वैवाहिक जीवन में मिठास आती है.

आठवें दिन का शुभ रंग

नवरात्रि के आठवें दिन महाअष्टमी पर मां महागौरी की पूजा में श्वेत या जामुनी रंग बहुत शुभ माना गया है.

मंत्र

बीज मंत्र – श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:
प्रार्थना मंत्र – श्वेत वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचि:। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥

महाअष्टमी पर बीज मंत्र जाप की विधि

अष्टमी के दिन तुलसी या लाल चंदन की माला से मां महागौरी के बीज मंत्र का 1100 बार जाप करना श्रेष्ठ होता है. मान्यता है इससे समस्त सिद्धियां प्राप्त होती हैं.

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