Tuesday, October 14, 2025
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झारखंड हाईकोर्ट सख्त: Assistant Engineer Promotion Rules पर देरी से नाराज, कहा- नवंबर तक नहीं बनी नियमावली तो चलेगा Contempt Case

झारखंड हाईकोर्ट ने सहायक अभियंता नियुक्ति-प्रोन्नति नियमावली में देरी पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा, नवंबर तक नियमावली नहीं बनी तो चलेगा अवमानना मामला।झारखंड हाईकोर्ट सख्त:रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को एक बार फिर कड़ी चेतावनी दी है। सोमवार को जस्टिस एस.एन. प्रसाद और जस्टिस ए.के. राय की खंडपीठ ने सहायक अभियंता नियुक्ति और प्रोन्नति नियमावली तैयार करने में हो रही देरी पर गंभीर नाराजगी जताई। अदालत ने कहा कि सरकार जानबूझकर प्रक्रिया को टाल रही है और यह अस्वीकार्य है।झारखंड हाईकोर्ट सख्त: सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार लगातार बहाने बना रही...

Ranchi Cab Strike 2025: ओला-उबर-रैपिडो ड्राइवरों की बेमियादी हड़ताल से ठप हुई राजधानी , Cab Fare बढ़ाने की मांग पर सड़कों से गायब टैक्सियां

रांची में ओला, उबर और रैपिडो ड्राइवरों की बेमियादी हड़ताल से शहर की रफ्तार थम गई। यात्रियों को भारी दिक्कतें, किराया तीन गुना तक बढ़ा।Ranchi Cab Strike 2025 रांची : राजधानी रांची में सोमवार सुबह से आम जनजीवन की रफ्तार थम गई। वजह थी—ओला, उबर और रैपिडो के करीब 4000 ड्राइवरों की एक साथ बेमियादी हड़ताल।यह हड़ताल झारखंड प्रदेश ऐप बेस्ड टैक्सी वर्कर्स यूनियन की अगुवाई में शुरू की गई। इसके चलते शहर के हर हिस्से में अफरा-तफरी का माहौल रहा। जो लोग रोजमर्रा के कामों, ऑफिस या स्कूल आने-जाने के लिए ऐप कैब पर निर्भर रहते हैं, उन्हें सबसे...

Hazaribagh Land Scam: आरोपी Vinay Singh की पत्नी Snigdha Singh से भी पूछताछ करेगी ACB , IAS Vinay Chaube पर भी जांच का शिकंजा

हजारीबाग भूमि घोटाला केस में एसीबी अब कारोबारी विनय सिंह की पत्नी स्निग्धा सिंह से पूछताछ करेगी। IAS विनय चौबे पर भी जांच की आंच तेज हुई।Hazaribagh Land Scam : झारखंड के चर्चित हजारीबाग भूमि घोटाला मामले में एसीबी (Anti Corruption Bureau) की जांच का दायरा और बढ़ गया है। गिरफ्तार ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय सिंह की पत्नी स्निग्धा सिंह से भी अब पूछताछ की जाएगी। एसीबी ने उन्हें नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है। मामले से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, एसीबी द्वारा दर्ज प्राथमिकी में स्निग्धा सिंह को सह-आरोपी बनाया गया है, क्योंकि जिस जमीन को लेकर यह मामला दर्ज...

देवउठनी एकादशी: 4 महीने बाद योग निद्रा से जागेंगे भगवान विष्णु

रांची : इस वर्ष देवउठनी एकादशी 4 नवंबर को है. यह एकादशी हर साल कार्तिक माह के

शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है ओर व्रत रखा जाता है. इसे देवोत्थान एकादशी, हरि प्रबोधनी एकादशी

और देवउठनी एकादशी जैसे नामों से जानते हैं. मान्यता है कि इसी दिन जगत के

पालनकर्ता भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं और सृष्टि का भार संभालते हैं.

इसके साथ चातुर्मास भी समाप्त हो जाता है. इतना हीं नहीं इस दिन भगवान विष्णु के

स्वरूप शालिग्राम और देवी तुलसी का विवाह कराया जाता है. माना जाता है कि इस दिन

इन दोनों का विवाह कराने से कन्यादान करने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है.

इसीलिए इसे देवउठनी एकादशी कहा जाता है. देवउठनी एकादशी के दिन

भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है.

इस दिन भगवान की विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

जानिये शुभ मुहूर्त और समय

देवोत्थान एकादशी साल में आने वाली सभी 24 एकादशी में सबसे महत्वपूर्ण होती है. इस वर्ष देवोत्थान एकादशी 4 नवंबर यानी शुक्रवार को मनाई जाएगी. एकादशी की तिथि तीन नवंबर यानी गुरुवार रात आठ बजकर 51 मिनट पर लग जाएगी और चार नवंबर शुक्रवार को शाम सात बजकर दो मिनट तक रहेगी. सूर्याेदय व्यापिनी तिथि की वजह से हरि प्रबोधिनी एकादशी का व्रत 4 नवंबर को ही होगा. जबकि इसका पारण 5 नवंबर 2022 को किया जाएगा. इस दिन तुलसी विवाह का भी आयोजन किया जाता है.

देवउठनी एकादशी का महत्व

वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य एवं ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक मालवीय ने बताया कि धार्मिक ग्रंथों में वर्णित उल्लेख के अनुसार, प्रत्येक वर्ष की आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी जिसे देवशयनी या हरिशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है, से जगत के पालनकर्ता श्री हरि विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं और कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की देवोत्थान एकादशी के दिन जागते हैं. इस वर्ष देवशयनी एकादशी 10 जुलाई 2022 को पड़ी थी.

ये है मान्यता

धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान विष्णु जब निद्रा में होते हैं तब हिंदू धर्म में होने वाले तमाम तरह के शुभ कार्यों पर चार महीने की रोक लग जाती है. मान्यताओं के अनुसार देवोत्थान एकादशी पर जगत के पालनहार की विशेष पूजा कर उन्हें नींद से जगाया जाता है और इसी दिन चातुर्मास व्रत समाप्त हो जाता है और सभी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन, जनेऊ, गृह प्रवेश, यज्ञ जैसे कार्यों की शुरुआत हो जाती है. ऐसा कहा जाता है कि कार्तिक मास में श्रीहरि जल में निवास करते हैं.

देवउठनी एकादशी पर मिलता है मनचाहा वरदान

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जिस मनोरथ का फल त्रिलोक में भी ना मिल सके, वो देवोत्थान एकादशी का व्रत कर प्राप्त किया जा सकता है. देवोत्थान एकादशी से पूर्णिमा तक भगवान शालिग्राम एवं तुलसी माता का विवाहोत्सव का पर्व मनाया जाता है.

देवउठनी एकादशी की पूजन विधि

देवउठनी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहर्ू्त में स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद घर की अच्छे से सफाई करें और आंगन में भगवान विष्णु के पैरों की आकृति बनाएं. इसके बाद भगवान विष्णु जी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें. श्री हरी विष्णु की प्रतिमा के समक्ष शंख और घंटियां बजाकर उनके जागने का आह्वान करें. इस दिन घर के बाहर और पूजा स्थल पर दीये जलाने चाहिए. भगवान हरि को लड्डू और गन्ना, सिंघाड़ा जैसे मौसमी फल अर्पित करें. एकादशी की रात एक घी का दीपक जलाएं और भगवान विष्णु समेत सभी देव देवताओं का पूजन करें. अगले दिन सुबह भगवान विष्णु और सभी देवी-देवताओं की पूजा अर्चना के बाद व्रत का पारण करें.

कब से शुरू होंगे विवाह मुहुर्त

पंडित दीपक मालवीय के मुताबिक, 4 नवंबर से मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे लेकिन इस बार शुक्र ग्रह अस्त होने से देवोत्थान एकादशी पर विवाह का मुहूर्त नहीं है. इस संदर्भ में प्रथम विवाह मुहूर्त 24 नवंबर से प्राप्त होगा.

नवंबर मास विवाह मुहूर्त- 24, 25, 26
दिसंबर के विवाह मुहूर्त -2,3,7,8,9,13,14,15,16

इसके पश्चात् खरमास प्रारंभ हो जाएगा जिसके बाद पुनः विवाह के मुहूर्त 15 जनवरी 2023 से प्राप्त होंगे.

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