Ranchi: झारखंड सरकार अब अपनी महत्वाकांक्षी वार्षिक पहल “आपकी सरकार आपके द्वार” को शुरू करने जा रही है। यह जनकल्याण अभियान 21 नवंबर से 15 दिसंबर तक पूरे राज्य में संचालित होगा और इस बार इसे पहली बार पंचायत स्तर तक विस्तार दिया गया है, जिससे ग्रामीणों को घर के नजदीक ही सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।
आपकी सरकार आपके द्वार – पंचायत स्तर पर लगाए जाएंगे शिविर:
इस अभियान को लेकर पूरे प्रशासनिक तंत्र को सक्रिय कर दिया गया है। मुख्य सचिव अविनाश कुमार के निर्देश पर सभी जिले तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। प्रत्येक पंचायत में शिविर आयोजित किए जाएंगे, जहां मंत्री, विभागीय वरिष्ठ अधिकारी, उपायुक्त, प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी तथा कर्मी मौजूद रहेंगे। इन शिविरों का उद्देश्य सिर्फ सुनवाई करना नहीं, बल्कि मौके पर ही समस्याओं का समाधान करना है, ताकि जनता को विभागों के चक्कर न लगाने पड़ें।
100% लाभ पहुंचाने पर जोर:
सरकार की प्राथमिकता इस बार स्पष्ट है—कोई भी पात्र व्यक्ति योजनाओं से वंचित न रह जाए। हर जिले, प्रखंड और पंचायत को निर्देशित किया गया है कि शिविरों में अधिकतम संख्या में लाभार्थियों को जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया जाए।मुख्य सचिव ने जिला प्रशासन को भेजे पत्र में कहा है कि सभी कल्याणकारी योजनाओं की शत-प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करना ही इस अभियान का मुख्य लक्ष्य होगा।
कौन-कौन सी सेवाएं मिलेंगी शिविरों में?
शिविरों के दौरान लोगों को कई महत्वपूर्ण योजनाओं और सेवाओं का लाभ मिलेगा। इनमें प्रमुख हैं:
पेंशन योजनाओं का पंजीकरण और स्वीकृति
राशन कार्ड से संबंधित सेवाएं—नया आवेदन, संशोधन आदि
कृषि, श्रम व ग्रामीण विकास योजनाओं में पंजीकरण
जाति, आय, निवास जैसे प्रमाण पत्रों का निस्तारण
शिकायतों का ऑन-द-स्पॉट समाधान
सामाजिक सुरक्षा और अन्य कल्याणकारी योजनाओं में लाभार्थियों का चयन व जोड़ना
इसके अलावा विभिन्न विभाग अपनी-अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं की जानकारी और सुविधा केंद्र भी स्थापित करेंगे।
ग्रामीण जनता को बड़ी सुविधा
पंचायत स्तर पर शिविर लगाने से ग्रामीणों को अब प्रखंड या जिला मुख्यालय नहीं जाना पड़ेगा। लंबी दूरी, खर्च और समय की बचत होगी, जबकि अधिकारियों से सीधी बातचीत का अवसर भी मिलेगा। अभियान के तहत सैकड़ों शिविर प्रतिदिन लगाए जाएंगे, जिनमें हजारों लोग शामिल होने की संभावना है। पिछले वर्षों में भी इस अभियान को व्यापक सराहना मिली है और इस बार इसके दायरे में और विस्तार किया जा रहा है।
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