Desk. हिंडनबर्ग रिसर्च की नयी रिपोर्ट पर अदानी समूह ने बयान जारी कर आरोपों की निंदा की है और इसे दुर्भावनापूर्ण और शरारतपूर्ण बताया है। दरअसल, स्टॉक एक्सचेंजों को जारी एक बयान में अदानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च के नवीनतम दावों को खारिज करते हुए इसे निंदा की है।
वहीं हिंडनबर्ग रिपोर्ट में सेबी प्रमुख पर आरोप पर सियासत तेज हो गयी है। कांग्रेस ने इस रिपोर्ट में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच के खिलाफ आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग की है। इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया है।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में सेबी प्रमुख पर आरोप की जेपीसी जांच की मांग
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मामले में जेपीसी जांच की मांग करते हुए सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट किया, जिसमें उनेहोंने लिखा, ‘SEBI ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मोदी जी के परम मित्र अडानी को हिंडनबर्ग के जनवरी 2023 के ख़ुलासों में Clean Chit दी थी। आज उसी SEBI के मुखिया के तथाकथित वित्तीय रिश्ते उजागर हुए हैं।’
उन्होंने आगे लिखा, ‘मध्यम वर्ग से संबंधित छोटे और मध्यम निवेशकों, जो अपनी मेहनत की कमाई शेयर बाजार में निवेश करते हैं, उनको संरक्षित करने की आवश्यकता है, क्योंकि वे SEBI में विश्वास करते हैं। जब तक इस महा-घोटाले में JPC जांच नहीं होगी, तब तक मोदी जी अपने A1 मित्र की मदद करते रहेंगे और देश की संवैधानिक संस्थाएं तार-तार होती रहेंगी।’
दरअसल, अमेरिका स्थित निवेश अनुसंधान फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च एलएलसी ने आरोप लगाया है कि भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के पास दो ऑफशोर फंडों में हिस्सेदारी है, जिसका इस्तेमाल कथित तौर पर हिंडनबर्ग ने “अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल” में किया था। हालांकि माधबी पुरी बुच और उनके पति ने आरोपों से इनकार किया है और ‘निराधार’ एवं ‘चरित्र हनन’ का प्रयास बताया है।