पटना सिटी : सिखों के 10वें गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के प्रकाश उत्सव पर्व के अवसर पर जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। प्रकाश उत्सव पर्व के अवसर पर रामदेव महतो सामुदायिक भवन में बनाए गए नियंत्रण कक्ष में कई ऐसे पदाधिकारी की ड्यूटी लगाई गई है जो लोग कई माह पूर्व सेवानिवृत हो चुके हैं। इतना ही नहीं एक दो पदाधिकारी की ड्यूटी गांधी मैदान मेला में लगी होने के बावजूद भी उनकी ड्यूटी नियंत्रण कक्ष में कैसे लग गई यह तो जांच का विषय है।
बताते चलें कि चार जनवरी से छह जनवरी के बीच पटना सिटी में गुरु गोविंद सिंह जयंती के अवसर पर भव्य रूप से प्रकाश उत्सव पर्व का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रकाश उत्सव पर्व में देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पटना सिटी गुरुद्वारा पहुंच रहें हैं। श्रद्धालुओं के दिशा निर्देश, नियंत्रण और सुरक्षा के मधेनजर पटना के जिलाधिकारी, वरीय आरक्षित अधीक्षक सहित कई पदाधिकारी ने तख्त श्री हरमंदिर में कई दिनों तक प्रबंधन कमेटी के साथ लगातार बैठक कर स्थिति का जायजा लिया।
इसके बाद पटना के जिलाधिकारी के आदेश के बाद प्रकाश उत्सव पर्व के अवसर पर रामदेव महतो सामुदायिक भवन में अस्थाई नियंत्रण कक्ष बनाया गया। वहां 10-10 पदाधिकारी की दो शिफ्ट में ड्यूटी लगाई गई है। पहली शिफ्ट सुबह नौ बजे से रात्रि नौ बजे तक, जबकि दूसरा शिफ्ट रात्रि नौ बजे से सुबह नौ तक है। चार जनवरी से दोनों शिफ्ट की ड्यूटी प्रारंभ हो गई है। पहले दिन चार जनवरी की रात्रि नौ बजे से पांच जनवरी की सुबह नौ तक जिनकी ड्यूटी नियंत्रण कक्ष में लगाई गई थी। वहां चौक थाना के एक जमादार के अलावा कोई भी पदाधिकारी नजर नहीं आए।
इस मामले में ड्यूटी लिस्ट में शामिल दनियावा के पंचायत सचिव दिनेश प्रसाद राय ने बताया कि वह जुलाई 2023 में ही सेवानिवृत हो चुके हैं। इसके अलावा फतुहा के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि उनका सेवानिवृत्ति 31 दिसंबर को हो चुकी है। वहीं दूसरी तरफ प्रखंड उद्यान पदाधिकारी सुभाष कुमार ने बताया कि उनकी ड्यूटी दो जनवरी से पांच जनवरी तक गांधी मैदान मेला में लगी है। इस मामले को लेकर अनुमंडल लोक निवारण शिकायत पदाधिकारी राधेश्याम कुमार मिश्रा से बात करने पर उन्होंने बताया कि ड्यूटी चार्ट बनाने का जिम्मा जिला को होता है।
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उन्होंने बताया कि डेटाबेस पुराना रहने के कारण सेवानिवृत हुए पदाधिकारी की ड्यूटी संभव है लग गई होगी। ड्यूटी लगने के बाद भी सभी पदाधिकारी ड्यूटी से नदारत हैं। पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि शनिवार चार जनवरी को बीपीएससी की परीक्षा में व्यस्त होने के कारण संभव है पदाधिकारी नहीं आए होंगे। सवाल यह उठता है कि इतने बड़े मेले के आयोजन में पदाधिकारी के लापरवाही इस तरह देखने को मिली है। अगर कोई बड़ी हादसा हो जाती है तो इसकी जवाब भी किसकी होगी। देखना होगा इस मामले में पटना के जिलाधिकारी और वरीय आरक्षित अधीक्षक लापरवाह पदाधिकारियो के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई करते हैं।
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उमेश चौबे की रिपोर्ट