Saturday, September 6, 2025

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महाकुंभ में भगदड़ हादसे के बाद अब फिर लगी भीषण आग, कई टेंट जले, कोई हताहत नहीं

प्रयागराज : महाकुंभ में भगदड़ हादसे के बाद अब फिर लगी भीषण आग, कई टेंट जले, कोई हताहत नहीं। महाकुंभ 2025 में दुर्योग पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रहा। चंद दिनों पहले लगे भीषण आग के बाद बीते मंगलवार और बुधवार के मध्य रात मौनी अमावस्या पर स्नान के दौरान मची भगदड़ का हादसा हुआ था। उसकी न्यायिक जांच के साथ विशेष उच्चाधिकारिक जांच शुरू हुई है।

इस बीच गुरूवार दोपहर अचानक से फिर भीषण आग लगने की घटना से शासन – प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। समाचार लिखे जाने तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है लेकिन इस अग्निकांड में कई टेंटों के जलकर राख होने की सूचना है।

महाकुंभ के सेक्टर 22 में टेंटों में लगी आग से अफरातफरी

गुरूवार की दोपहर महाकुंभ के सेक्टर 22 छतनाग झूंसी में बने टेंट सिटी में भीषण आग लग गई। समाचार लिखे जाने तक इसआग लगने नके कारणों का पता नहीं चल सका है। बताया जा रहा है कि जब तक लोग कुछ समझ पाते आगे ने विकराल रूप धारण कर लिया। टेंट सिटी के दर्जन भर से अधिक टेंट जलकर राख हो गए।

राहत की बात यह रही कि हादसे में किसी की जान नहीं गई। सूचना मिलते ही दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुूंच गईं। मेला अधिकारियों एवं प्रशासन ने दावा किया है कि काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका है और स्थिति सामान्य है।

महाकुंभ में भगदड़ हादसे के बाद बीते बुधवार दोपहर संगम स्नान को जाता नागा साधुओं का जत्था।
महाकुंभ में भगदड़ हादसे के बाद बीते बुधवार दोपहर संगम स्नान को जाता नागा साधुओं का जत्था।

महाकुंभ भगदड़ हादसे के बाद संगम में 1.52 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

महाकुंभ में मौनी अमावस्या को श्रद्धालुओं के सैलाब के दौरान हुए हादसे के बाद भी लोगों की संगम में स्नान के लिए आस्था हिलारें ले रही हैं। आलम यह है कि तमाम पाबंदियों और व्यवस्थाओं में किए गए बदलाव के बाद भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं एवं तीर्थयात्रियों का महाकुंभ मेला क्षेत्र में पहुंचना निरतंर जारी है।

मौनी अमावस्या के बाद वाले दिन गुरूवार को आज अपराह्न 2 बजे तक 1.52 करोड़ श्रद्धालुओं एवं तीर्थयात्रियों ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के संगम स्थल त्रिवेणी में पावन डुबकी लगा ली है। इसकी पुष्टि मेला प्रबंधन और यूपी सरकार ने की है। एक दिन पहले हुए मौनी अमावस्या पर संगम स्नान के दौरान हुए भगदड़ हादसे के बाद व्यवस्था के पटरी पर लौटते ही मेला क्षेत्र में नए श्रद्धालुओं एवं तीर्थयात्रियों के हुजूम का पहुंचना जारी है।

बीते आधी रात के बाद उनके संगम तट से काफी दूर तक वाहन पार्क कर मेला क्षेत्र के लिए पैदल  जाने की अनुमति दी गई। उसके बाद तो फिर से भारी संख्या में श्रद्धालुओं का संगम के लिए मेला क्षेत्र में पहुंचने का क्रम नए सिरे से शुरू हुआ।

मेला प्रबंधन और यूपी सरकार ने गुरूवार को बताया कि संगम तट पर रेती पर 10 लाख कल्पवासी पूर्ववत बने हुए हैं लेकिन नए श्रद्धालुओं एवं तीर्थयात्रियों के पहुंचने एवं स्नान कर लौटने का क्रम अनवरत जारी है। गुरूवार को मेला क्षेत्र में संगम स्नान के लिए कुल नए 1.42 करोड़ श्रद्धालु एवं तीर्थयात्री पहुंचे।

महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ की भयावहता को बयां करती तस्वीर।
महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ की भयावहता को बयां करती तस्वीर।

महाकुंभ में भगदड़ पर सुप्रीम कोर्ट में हुई जनहित याचिका का ब्योरा…

मौनी अमावस्या पर बीते मंगलवार और बुधवार के मध्य की रात हुए भगदड़ हादसे को लेकर जहां शासन और प्रशासन स्तर पर तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं तो दूसरी ओर इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर हुई है ।जनहित याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार से मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांगे और जिम्मेदार अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दे।

महाकुंभ जैसे भीड़भाड़ वाले स्थानों पर भगदड़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकारों को निर्देश देने के साथ नीति और नियमन की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। एक वकील ने यह जनहित याचिका दायर की है। इसमें यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वीआईपी मूवमेंट से आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्रभावित न हो, उनके लिए कोई खतरा पैदा न हो और महाकुंभ में श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास के लिए अधिकतम स्थान उपलब्ध कराया जाए।

जनहित याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार को 29 जनवरी को महाकुंभ के दौरान हुई घटना पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने और लापरवाही बरतने वाले व्यक्तियों, अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।

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