Again Paper Leak : यूपी एसटीएफ ने अब सीएसआईआर नेट पेपर में पकड़ी धांधली, परीक्षा सेंटर प्रभारी गिरफ्तार

यूपी के एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश मेरठ में हुई कार्रवाई की जानकारी देते हुए।

लखनऊ : Again Paper Leakयूपी एसटीएफ ने अब सीएसआईआर नेट पेपर में पकड़ी धांधली, हुई गिरफ्तारी भी। नीट यूजी 2024 के पेपर लीक का प्रकरण भी ठंडा भी नहीं पड़ा और मामले की सीबीआई जांच जारी है लेकिन पेपर लीक के रैकेट से जुड़े लोग बेखौफ अपने काम में लगे हुए हैं। इसकी पुष्टि आज यूपी के मेरठ में एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की कार्रवाई में हुई है। यूपी के मेरठ में सीएसआईआर नेट परीक्षा 2024 के दूसरे दिन शुक्रवार को सुभारती यूनिवर्सिटी में नए साफ्टवेयर के मदद से की जा रही धांधली मय सबूतों का एसटीएफ ने खुलासा किया। साथ ही परिसर में ऑनलाइन परीक्षा केंद्र के एडमिनिस्ट्रेशन इंचार्ज अरुण को गिरफ्तार कर लिया।

एसटीएफ ने सर्च ऑपरेशन में जुटाए इलेक्ट्रानिक साक्ष्य, चार अभ्यर्थी हिरासत में

पूरे मामले की पुष्टि यूपी के अपर पुलिस महानिदेशक (एसटीएफ) अमिताभ यश ने की। उन्होंने बताया कि देश में सीएसआईआर नेट परीक्षा 25 से 27 जुलाई तक आयोजित हो रही है। उसमें पेपर लीक जैसी कोई घटना न हो उसको लेकर सरकार के स्तर पर पहले से ही सतर्कता बरते जाने के क्रम में एसटीएफ पूरे कार्यक्रम पर पैनी निगरानी बनाए हुए थी। तभी आज 26 जुलाई को जानकारी मिली कि मेरठ स्थित सुभारती यूनिवर्सिटी में सीएसआईआर नेट परीक्षा सेंटर में ऑनलाइन परीक्षा में कुछ छात्रों के पेपर को स्क्रीन शेयर करके बाहर से सॉल्व करने की कोशिश की जा रही है। तुरंत एसटीएफ ने पेपर लीक करने वाले बड़े रैकेट का पर्दाफाश करते हुए सर्च ऑपरेशन चलाया। इसमें नए तरह की धांधली सामने आई जिसमें बाहर से पेपर हल कराया जा रहा था। इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों के साथ ऑनलाइन परीक्षा केंद्र के एडमिनिस्ट्रेशन इंचार्ज अरुण को गिरफ्तार कर लिया जबकि उनसे जुड़े चार अभ्यर्थियों को भी तत्काल हिरासत में ले लिया गया है। पांचों से पूछताछ जारी है।

एनी डेस्क साफ्टवेयर में छुपे हैं पेपर लीक कराने वालों के राज

एसटीएफ का यह सर्च ऑपरेशन मेरठ की सुभारती यूनिवर्सिटी में चला। वहां सीएसआईआर नेट परीक्षा का सेंटर था। एसटीएफ ने यूनिवर्सिटी में बने परीक्षा सेंटर पर सर्च ऑपरेशन चलाया तो एग्जामिनेशन लैब के सर्वर रूम से लोकल एरिया नेटवर्क के जरिए एक्स्ट्रा एडमिन कंप्यूटर मिला और सर्वर रूम में दो लैपटॉप बरामद किए गए। उन लैपटॉप में एनी डेस्क रिमोट एक्सेस टूल मिला। एसटीएफ को सर्च ऑपरेशन में परीक्षा केंद्र प्रभारी के पास से एक मोबाइल मिला जिसमें चार अभ्यर्थियों के नाम, रोल नंबर और उनके सिस्टम का आईपी भी हाथ लगा। पुलिस की जांच में सामने आया कि इस आईपी को सेंटर के बाहर एक व्यक्ति को शेयर किया गया था जिससे कि इन अभ्यर्थियों का स्क्रीन शेयर किया गया था और इनके पेपर को बाहर से सॉल्वर द्वारा हल किया जा रहा था। इसी क्रम में सीएसआईआर नेट के पहले दिन  25 जुलाई को की पाली में हुई परीक्षा में 11 अभ्यर्थी के नाम मोबाइल के डिलीट फाइल से मिले हैं जिसकी जांच अभी जारी है।

नीट यूजी पेपर लीक में इस्तेमाल हुआ था एनी डेस्क साफ्टवेयर, जांच जारी

एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है कि आखिर और कितने अभ्यर्थियों के पेपर आरोपी सॉल्व करने की तैयारी में था और कितने लोगों के पेपर इसने पहले हल करवाए थे और कब से वह नइस नए साफ्टवेयर से धांधली कर रहा था। साथ ही इसकी भी पड़ताल जारी है कि हर अभ्यर्थी से पेपर सॉल्व कराने के लिए आरोपी ने कितने रुपये लिए थे। बता दें कि नीट यूजी 2024 के पेपर लीक कराने वाले आरोपियों के रैकेट ने इसी एनी डेस्क साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया था जिसकी पुष्टि सीबीआई की जारी जांच में की गई है। सीबीआई ने नीट यूजी पेपर लीक के जांच में पाया कि झारखंड के हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल में बने परीक्षा केंद्र से पेपर लीक करने वालों ने एनी डेस्क साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया और पेपर को सॉल्व कराते हुए तुरंत पटना में सवाल के जवाब भी शेयर करते हुए पेपर लीक का खेल रचा था। उस क्रम में पेपर लीक कराने वाले आरोपियों ने हर अभ्यर्थी से मोटी रकम वसूली थी जो 30 से 35 लाख प्रति अभ्यर्थी बताई जा रही है। यूपी के एडीजी एसटीएफ ने कहा कि मेरठ मामले की पड़ताल जारी है और हर बिंदु पर एसटीएफ की निगाहें हैं ताकि पेपर लीक के अंतर-प्रदेशीय सांठगांठ या लिंक को भी खंगाल लिया जाए। प्रयास यही है कि साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को कटघरे में लाकर नए कानूनों के तहत उन पर कानूनी शिकंजा कसा जाए।

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