रांची: झारखंड के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने छात्रवृत्ति, अनुदान और अन्य प्रक्रियाओं को पूरी तरह ऑनलाइन करने की तैयारी कर ली है। विभाग ने इसके लिए छह पोर्टल तैयार किए हैं, जिनसे छात्रों, कॉलेजों और अधिकारियों के सभी काम ऑनलाइन किए जा सकेंगे। इस नई व्यवस्था के संचालन और मॉनिटरिंग के लिए “सेंट्रलाइज्ड पोर्टल फॉर डिपार्टमेंट ऑफ हायर एंड टेक्निकल एजुकेशन” बनाया गया है। विभाग का दावा है कि यह व्यवस्था अगले एक महीने में लागू हो जाएगी।
नए पोर्टल और उनकी उपयोगिता
- सीएम फैलोशिप एकेडमिक एक्सीलेंस एंड मानकी मुंडा पोर्टल: छात्रवृत्ति और पीएचडी के लिए प्रोत्साहन राशि के आवेदन इसी पोर्टल पर होंगे।
- अप्रेंटिस मैनेजमेंट पोर्टल: पढ़ाई के साथ अप्रेंटिसशिप करने के इच्छुक छात्र यहां आवेदन कर सकेंगे।
- पे फिक्सेशन पोर्टल: विश्वविद्यालय और कॉलेजों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के वेतन निर्धारण के लिए इस पोर्टल का उपयोग किया जाएगा।
- पोर्टल फॉर परमानेंटली एफिलिएटेड (अनुदान वित्त रहित) कॉलेज: कॉलेजों को अनुदान के लिए अपनी सभी जानकारी और मांगपत्र यहीं अपलोड करना होगा।
- प्राइवेट यूनिवर्सिटी पोर्टल: निजी विश्वविद्यालयों को अपनी सभी जानकारी और आवेदन इस पोर्टल के माध्यम से जमा करना होगा।
- लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल (LMS): जिन कॉलेजों में शिक्षकों की कमी होगी, वहां ऑनलाइन क्लासरूम के लिए यह पोर्टल मददगार होगा। स्टूडेंट्स रजिस्ट्रेशन कर इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे।
पारदर्शिता और समय की बचत
विभाग के निदेशक रामनिवास यादव के अनुसार, “इस व्यवस्था से कामकाज में पारदर्शिता आएगी और छात्रों व कॉलेजों को बार-बार कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।” छात्रवृत्ति और अनुदान की ऑनलाइन प्रक्रिया अगले एक महीने में शुरू हो जाएगी। वहीं, पे फिक्सेशन की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन करने की योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।
ऑनलाइन प्रक्रिया के लाभ
- छात्रों के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होगी।
- कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को अनुदान और अन्य सुविधाओं के लिए कार्यालयों के दौरे नहीं करने पड़ेंगे।
- शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन निर्धारण में पारदर्शिता और समय की बचत होगी।
यह पहल झारखंड में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और छात्रों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।