औरंगाबाद : नये साल पर कोरोना गाइडलाइन के नाम पर सभी पार्काें को बंद करने का फैसला राज्य सरकार ने लिया है. राज्य सरकार के इस फैसले की युवाओं से लेकर राजनीतिक दलों ने कड़ी आलोचना की है. औरंगाबाद में भी सरकार के निर्णय की आलोचना हो रही है.
युवाओं ने कहा कि सरकार के इस निर्णय ने नव वर्ष के सेलिब्रेशन पर पानी फेर दिया है. औरंगाबाद शहर में किसी खास अवसर को सेलिब्रेट करने के लिए युवाओं के पास एकमात्र पार्क का ही विकल्प है और युवा इसके लिए शहर के दानी बिगहा के इकलौते पार्क में आया करते हैं. पार्काें की बंदी के सरकार के आदेश ने उनके न्यू ईयर मनाने के उत्साह पर पूरी तरह पानी फेर दिया है.
औरंगाबाद के डीएम सौरभ जोरवाल ने कहा कि राज्य सरकार ने नये वर्ष पर पार्काें को बंद रखने का आदेश दिया है. इस आदेश के आलोक में जिले के सभी सार्वजनिक पार्क बंद रहेंगे और जिला प्रशासन द्वारा इसका अनुपालन सुनिश्चित कराएगा.
वहीं राजनीतिक दलों ने पार्काें की बंदी के आदेश को लेकर राज्य सरकार खासकर मुखिया नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया है. राजनीतिक दलों के नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार साल के अंत से लेकर नये वर्ष के आरंभ तक इन दिनों राज्य भर में समाज सुधार यात्रा पर निकले हुए हैं. उनकी इस यात्रा में लोगों का सैलाब उमड़ रहा है. इस तरह की भारी भीड़ से कोरोना नहीं फैल रहा और पार्काे में एक दिन आम दिनों की अपेक्षा कुछ ज्यादा भीड़ लग जाएगी तो इससे कोरोना फैलने लगेगा. राज्य सरकार का नववर्ष पर पार्काें को बंद करने का फैसला तुगलकी फरमान है. मुख्यमंत्री पहले खुद को सुधारें, तब समाज सुधारने की यात्रा पर निकलें. बगैर ऐसा किये उनके मुंह से समाज सुधार की बात बेमानी लगती है.
रिपोर्ट : दीनानाथ
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