रांची: झारखंड का कुख्यात अपराधी अमन साव जेल में बंद होने के बावजूद कारोबारियों के लिए खौफ बना हुआ है। उसके गिरोह के गुर्गों ने शुक्रवार को राजधानी में दिन-दहाड़े एक कोयला कारोबारी को गोली मारकर फरार हो गए। इससे पहले भी अमन साव गैंग के सदस्य लगातार कारोबारियों पर फायरिंग कर उन्हें धमका चुके हैं।
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अमन साव के खिलाफ रांची समेत झारखंड के विभिन्न थानों में 50 से अधिक मामले दर्ज हैं। उसका गिरोह रामगढ़, चतरा, धनबाद, हजारीबाग, पलामू, लातेहार और बोकारो में कोयला खनन कंपनियों, ट्रांसपोर्टरों, बिल्डरों, ठेकेदारों और अन्य व्यवसायियों से रंगदारी वसूलने में सक्रिय है। रंगदारी नहीं मिलने पर गैंग के गुर्गे कारोबारियों के दफ्तर पर फायरिंग कर डराने या फिर सीधे गोली मारने की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। पिछले छह महीनों में रंगदारी और गोलीबारी के आधा दर्जन से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जिससे कारोबारी भय में जी रहे हैं।
गिरोह के खास गुर्गे की धमकी
अमन साव गैंग का खास गुर्गा मयंक सिंह घटनाओं को अंजाम देने के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट कर जिम्मेदारी लेता है और अगली बार न छोड़ने की धमकी देता है। पुलिस के अनुसार, मयंक सिंह ही असल में सुनील सिंह मीणा है, जिसे अजरबैजान पुलिस ने गिरफ्तार किया है। फिलहाल वह बाकू की जेल में बंद है, और उसे भारत लाने की प्रक्रिया चल रही है।
कोयला कंपनियों को फिर मिली धमकी
शनिवार को मयंक सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए एक बार फिर भाकंदा और बरकाकाना की कोयला कंपनियों व वहां काम करने वाले मजदूरों को धमकी दी है। उसने चेतावनी दी कि पतरातू, भुरकुंडा और बरकाकाना साइडिंग में कोयला लोडिंग बंद कर दें, अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इस धमकी के बाद कोयला खनन क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है।
पुलिस प्रशासन गिरोह की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है और गैंग के सदस्यों की धर-पकड़ के लिए अभियान चला रही है।