Yogi सरकार की मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना ने रचा इतिहास, यूपीएससी में 13 होनहारों ने लहराया परचम। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी सफल अभ्यर्थियों को दी बधाई। लखनऊ सेंटर से 4 व प्रयागराज से 2 अभ्यर्थियों ने हासिल की सफलता। अभ्युदय योजना के तहत गरीब विद्यार्थियों को सरकारी नौकरियों की निःशुल्क तैयारी करवाती है योगी सरकार। प्रदेश के 75 जिलों में 166 उच्च गुणवत्ता वाली कोचिंग हो रही संचालित। सभी कोचिंग सेंटरों में अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा दिया जा रहा प्रशिक्षण। गरीब व वंचित वर्ग के प्रतिभाशाली बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत है योगी सरकार- असीम अरुण
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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी पहल ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग योजना’ ने एक बार फिर अपने प्रभावशाली परिणामों से सबका ध्यान खींचा है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा 2024 के फाइनल रिजल्ट में इस योजना से पढ़ाई करने वाले 13 मेधावी छात्र-छात्राओं ने सफलता प्राप्त कर उत्तर प्रदेश का मान बढ़ाया है। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना उत्तर प्रदेश के गरीब और वंचित वर्ग के छात्रों के लिए एक मील का पत्थर साबित हो रही है। यह योजना छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और कोचिंग प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में सशक्त कर रही है। Yogi Yogi Yogi Yogi Yogi Yogi Yogi Yogi Yogi Yogi Yogi Yogi Yogi Yogi
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस दूरदर्शी पहल से राज्य के हजारों छात्र-छात्राओं के सपने साकार हो रहे हैं और वे अपने उज्ज्वल भविष्य की दिशा में अग्रसर हो रहे हैं। प्रदेश के समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित इस योजना से जुड़कर छात्र- छात्राएं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए अभ्युदय कोचिंग के सेंटर्स में पढ़ाई की और अब यूपीएससी के सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 13 होनहारों की कामयाबी सीएम योगी के उद्देश्य की सशक्त मिसाल बनकर सामने आई है।
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लखनऊ सेंटर से 4 व प्रयागराज से 2 अभ्यर्थियों ने हासिल की सफलता
प्रदेश के सभी 75 जिलों में अभ्युदय कोचिंग के 166 सेंटर्स संचालित हैं। इन सेंटर्स में पढ़ाई कर शगुन कुमार ने सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 100वीं रैंक हासिल किया है इन्होंने हापुड़ सेंटर से पढ़ाई की, जबकि मयंक बाजपेई (सीतापुर) को 149वीं रैंक मिली। आयुष जायसवाल (बरेली) ने 178वीं और अदिति दुबे (लखनऊ) ने 180वीं रैंक के साथ सफलता अर्जित की। सौम्या शर्मा (प्रतापगढ़) ने 218वीं रैंक, प्रतीक मिश्रा ( प्रयागराज) ने 234वीं और आंचल आनंद (गौतमबुद्ध नगर) ने 399वीं रैंक प्राप्त कर प्रदेश का नाम रोशन किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा-2024 में सफल सभी अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों को बधाई दी। सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए सीएम योगी ने कहा कि प्रतियोगिता में शीर्ष स्थान प्राप्त कर हम सभी का मानवर्धन करने वाली प्रदेश की बेटी शक्ति दुबे को बहुत-बहुत बधाई। सीएम योगी ने कहा कि पूर्ण विश्वास है कि आप सभी Nation First के संकल्प, प्रखर लोकनिष्ठा एवं अटूट सेवा भावना के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर ‘विकसित भारत’ के निर्माण में सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने सभी सफल अभ्यर्थियों के स्वर्णिम भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
इसके अलावा अश्वनी शुक्ला (जालौन) ने 423वीं, उदित कुमार सिंह (प्रयागराज) ने 668वीं, दिशा द्विवेदी (लखनऊ) ने 672वीं, मनीष कुमार (लखनऊ) ने 748वीं, हिमांशु मोहन (अयोध्या) ने 821वीं तथा नैन्सी सिंह (लखनऊ) ने 970वीं रैंक हासिल कर मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना की सफलता को नई ऊँचाई दी। इन अभ्यर्थियों की सफलता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उस सोच का प्रमाण है, जिसमें प्रतिभा को संसाधनों की कमी के आगे झुकने नहीं दिया जाता। ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग योजना’ न सिर्फ एक शैक्षणिक मंच है, बल्कि यह प्रदेश के युवाओं के सपनों को पंख देने वाली क्रांतिकारी पहल बन चुकी है।
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समाज कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण से बताया कि योगी सरकार गरीब व वंचित वर्ग के प्रतिभाशाली बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना उसी प्रयास प्रयास का परिणाम है। उन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विसेज में सफल सभी अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए बताया कि अभ्युदय योजना के तहत संचालित कोचिंग सेंटर्स में 280 अभ्यर्थी पीसीएस मेंस की परीक्षा देने की तैयारी कर रहे हैं। आगे इस कोचिंग में सुविधाओं और व्यवस्थाओं का विस्तार किया जाएगा।
समाज कल्याण विभाग के निदेशक कुमार प्रशांत ने योजना की सफलता पर खुशी जाहिर की है। सिविल सेवा में चयनित अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग योजना का उद्देश्य है कि प्रदेश के दूर-दराज़ और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के प्रतिभाशाली युवाओं को भी वही अवसर मिले जो बड़े शहरों में उपलब्ध होते हैं। आज हमारे 13 बच्चों का यूपीएससी जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में चयन होना इस बात का प्रमाण है कि यदि सही मार्गदर्शन और संसाधन दिए जाएं तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं। यह हम सभी के लिए गर्व का क्षण है।
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