जांच के दौरान मिले मनी लाउंड्रिंग के सबूत, अधिवक्ता राजीव कुमार को 50 लाख के साथ पकड़वाया था
रांची : ईडी ने कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया.
Highlights
अमित अग्रवाल को पूछताछ के लिए दस्तावेजों के साथ शुक्रवार को ईडी कार्यालय बुलाया था.
पूछताछ के बाद ईडी ने अमित को गिरफ्तार कर लिया.
अब शनिवार को उसे पीएमएलए की विशेष अदालत में पेश कर रिमांड की मांग की जायेगी.
बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को 50 लाख रुपए के साथ
अमित अग्रवाल ने ही पकड़वाया था. इस मामले में झारखंड व बंगाल के दो-दो पुलिस अधिकारी
भी ईडी की रडार पर हैं. इन पर अमित अग्रवाल के साथ मिलकर
राजीव कुमार के खिलाफ साजिश रचने का संदेह है.
ईडी को मिली थी अवैध तरीके से रुपयों के लेन-देन की जानकारी
राजीव कुमार की गिरफ्तारी के बाद मनी लाउंड्रिंग की जांच के दौरान ईडी को
अवैध तरीके से रुपयों के लेन-देन की जानकारी मिली थी. इस मामले में अमित से पूछताछ की गई थी,
लेकिन ईडी उनके जवाब से संतुष्ट नहीं है.
अमित ने कोलकाता के हेयर स्ट्रीट थाने में राजीव पर केस दर्ज कराया था.
आरोप था कि एक जनहित याचिका मेनेज करने के नाम पर राजीव ने उनसे एक करोड़ रुपए की मांग की थी.
50 लाख रुपए की पहली किस्त लेने राजीव कुमार कोलकाता आए थे.
उन्होंने दावा किया था कि कोलकाता पुलिस के साथ मिलकर 31 जुलाई को उनकी गिरफ्तारी करवाई थी.
18 अगस्त को ईडी ने दर्ज की थी प्राथमिकी
अधिवक्ता राजीव कुमार कैश कांड में कोलकाता पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को लेकर
ईडी रांची ने 18 अगस्त को जांच के लिए ईसीआईआर दर्ज किया था. इसके बाद पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में कैश कांड की जांच के लिए राजीव कुमार से पूछताछ की जरूरत बताते हुए पुलिस रिमांड पर देने का अनुरोध किया था.
न्यायालय के आदेश के आलोक में कोलकाता से 21 अगस्त को रिमांड पर लाने के बाद ईडी ने राजीव से पूछताछ की और रिमांड की अवधि समाप्त होने के बाद 31 अगस्त को कोलकाता जेल पहुंचा दिया. फिर राजीव कुमार को कोलकाता स्थित सक्षम न्यायालय ने कैश कांड में जमानत दे दी.