Wednesday, July 9, 2025

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सारंडा में फिर मिला एक और घायल हाथी, वन विभाग ने शुरू किया रेस्क्यू ऑपरेशन

Palamu: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के घने सारंडा जंगल से एक बार फिर चिंताजनक खबर सामने आई है। इलाके में एक और घायल हाथी देखे जाने की पुष्टि हुई है। इससे पहले शनिवार को एक मादा हाथी की मौत हुई थी, जिसके बाद रविवार को उसका पोस्टमार्टम कर दफनाया गया था। उस घटना को अभी 48 घंटे भी नहीं बीते थे कि एक और हाथी के घायल होने की खबर ने वन विभाग की नींद उड़ा दी है।

तिरिलपोसी गांव के पास चेकडैम में देखा गया घायल हाथी

ताजा मामला सारंडा के तिरिलपोसी गांव के पास का है, जहां एक चेकडैम के पास पानी में बैठे एक घायल हाथी को ग्रामीणों ने देखा। ग्रामीणों ने तत्काल इसकी सूचना वन विभाग को दी। मौके पर पहुंचे वनरक्षियों ने पाया कि हाथी के एक पैर में गंभीर चोट है और वह दर्द के कारण स्थिर अवस्था में पानी में बैठा है।

रेस्क्यू के लिए वनतारा टीम बुलाई गई

हाथी की स्थिति को देखते हुए वन विभाग ने ‘वनतारा’ टीम को एक बार फिर बुलाया है, जो इससे पहले भी घायल मादा हाथी के रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल रही थी। वन विभाग के अधिकारी और कर्मी हाथी को समतल स्थान पर लाने की कोशिश में जुटे हैं, ताकि उसका इलाज संभव हो सके।

इस कार्य में स्थानीय ग्रामीणों का भी सहयोग लिया जा रहा है। हाथी को कोई और चोट न पहुंचे, इसके लिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है। विभाग की प्राथमिकता फिलहाल घायल हाथी को सुरक्षित निकालकर उसे चिकित्सकीय सहायता देना है।

लगातार घायल हो रहे हाथी, चिंता का विषय

इससे पहले घायल मिली मादा हाथी की मौत हो चुकी है। जिसकी फोरेंसिक रिपोर्ट अभी नहीं आई है। दोनों हाथियों के पिछले पैर में गंभीर चोट होने की जानकारी मिली है। जिससे आशंका जताई जा रही है कि किसी खास कारण से ये घटनाएं हो रही हैं। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इन हाथियों को चोट कैसे और किन परिस्थितियों में लगी। न तो किसी शिकार के निशान मिले हैं और न ही किसी अन्य बाहरी कारण की पुष्टि हुई है।

सारंडा जंगल में लापता हुए घायल हाथी को वन विभाग ने खोज निकाला
सारंडा जंगल में लापता हुए घायल हाथी को वन विभाग ने खोज निकाला

वन विभाग की सतर्कता बढ़ी

लगातार दो हाथियों के घायल होने की घटनाओं से वन विभाग में हड़कंप मच गया है। विभाग ने अब सारंडा के विभिन्न हिस्सों में हाथियों की निगरानी बढ़ा दी है और जंगल क्षेत्र में गश्त तेज कर दी गई है। साथ ही, वन्यजीव विशेषज्ञों और डॉक्टरों को अलर्ट मोड में रखा गया है।

वन विभाग का कहना है कि हाथियों के साथ ऐसी घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं और इन्हें रोकने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। यदि हाथी को समय रहते सही देखभाल और चिकित्सा मिलती है, तो उसके स्वस्थ होने की संभावना बन सकती है।