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बैंकिग सिस्टम की लापरवाही और भ्रष्टाचार के लपेटे में आया सेना का जवान, गाढ़ी कमाई से खरीदी संपत्ति हुई नीलाम
कटिहार : देश की सरहद पर दुश्मनों से लोहा लेने वाला एक सैनिक अपनी ही संपत्ति बचाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। मामला कटिहार नगर थाना क्षेत्र के अमला टोला का है, जहां आर्मी मैन धर्मेंद्र सिंह ने अरुण कुमार सिंह से फरवरी 2021 में एक जमीन सहित खरीदी थी।
इलाहाबाद बैंक से नो ड्यूज सर्टिफिकेट लेकर प्राप्त की थी संपत्ति
बताया जाता है कि अरुण सिंह ने इसी संपत्ति पर इलाहाबाद बैंक से लोन लिया था, जिसके बदले कागजात बैंक में गिरवी रखे थे। धर्मेंद्र सिंह ने बैंक का बकाया चुकाकर अप्रैल 2019 में नो ड्यूज सर्टिफिकेट प्राप्त किया और संपत्ति अपने नाम कर ली।
कुछ समय बाद IOB ने उसी संपत्ति पर दावा ठोंक दिया
आपको बता दें कि कुछ समय बाद इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) ने उसी संपत्ति पर दावा ठोंक दिया। बैंक का कहना था कि अरुण सिंह के पिता राम इकबाल सिंह ने 2010 में उसी जमीन पर लोन लिया था, जिसमें बेटा गारंटर था। लोन नहीं चुकाने पर बैंक ने संपत्ति को अपने कब्जे में ले लिया।
बैंक अधिकारियों पर लगाया जालसाजी का आरोप
जब धर्मेंद्र सिंह को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने तत्कालीन डीएम से न्याय की गुहार लगाई। जांच में सामने आया कि बैंक को दिए गए दस्तावेज फर्जी थे। धर्मेंद्र सिंह का आरोप है कि बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से बाप-बेटे ने जालसाजी कर फर्जी दस्तावेजों पर लोन पास कराया और अब उनकी वैध संपत्ति पर कब्जा किया जा रहा है। उनका कहना है कि ड्यूटी पर रहते हुए बैंक ने उनकी संपत्ति को नीलाम कर दिया।
जवान ने प्राथमिकी दर्ज कर लगाई न्याय की गुहार
उन्होंने इस मामले में नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है, लेकिन यह मामला सिस्टम की लापरवाही और भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण बन गया है। जिसमें एक सैनिक आज अपनी मेहनत की कमाई से खरीदी गई संपत्ति के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहा है।
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रतन कुमार की रिपोर्ट