हिरणपुर के बरमसिया में बनाया जा रहा डालिया और सूप
पाकुड़ : छठ पूजा में अब कुछ ही दिनों का समय शेष बचा है. जिसकी तैयारी अभी से ही शुरू हो गई है.
Highlights
लोक आस्था के इस महापर्व के प्रति लोगों का लगाव जितना ही गहरा है
उतना ही यह पर्व सामाजिक समरसता को मजबूत भी बनाता है.
सभी छठ घाटों की साफ-सफाई एवं निरीक्षण किए जा रहे हैं. बाजारों में भी काफी चहल पहल देखने को मिल रही है
हिरणपुर प्रखंड अंतर्गत बरमसिया मोहली टोला के मोहाली समुदाय के लोग रहते हैं, जो सदियों से
डालिया और सूप बनाते आ रहे हैं. पूरे परिवार के लोग डालिया और सूप बनाने में लगे हुए हैं.

डालिया और सूप की बढ़ी डिमांड
हेमलता मोहली बताते हैं कि जितिया और छठ पूजा में डालिया और सूप की डिमांड ज्यादा रहती है.
इसलिए हम लोग अभी पूरे परिवार मेहनत कर ज्यादा से ज्यादा डालिया और सूप बनाते हैं,
ताकि कुछ आमदनी हो सके. जिससे अपने परिवार का भरण पोषण सहित बच्चों का पढ़ाई लिखाई में सहयोग हो सके.
छठ पूजा: बहुत महंगा हो गया बांस
वहीं स्टेफन मोहली बताते हैं कि बांस खरीद कर लाते हैं, जिसकी कीमत काफी ज्यादा है.
उस हिसाब से हम लोगों को उतना मुनाफा नहीं हो पाता है. पर क्या करें काम नहीं है इसी से
अपना गुजारा करना पड़ रहा है. उन्होंने आगे बताया कि बाजारों में बहुत सारे बेचने वाले पहुंच जाते हैं, जिस वजह से हम गांव में आए व्यापारी के पास बेच देते हैं.

लोगों के पास नहीं है कोई रोजगार
किशन मोहली ने कहा कि हमलोग यह काम सदियों से करते आ रहे हैं. हमारे पास अपनी जमीन भी नहीं है, जो हम खेती कर सके, और ना ही कुछ काम है. छठ पूजा नजदीक है इन सभी चीजों की डिमांड बढ़ जाती है, जिस वजह से पूरा परिवार सूप और डालिया बनाने में लग जाते हैं, इसी से अपना परिवार का भरण पोषण होता है.
छठ पूजा: आत्मनिर्भर बन रहा सामाज
इसे मजबूरी कहें या गरीबी की मार, लेकिन एक बात तो सच है इस तरह के कामों से और बुलंद हौसलों से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सामाज आत्मनिर्भर की ओर बढ़ रहा है. और दूसरे को भी रोजगार दे रहे हैं. लिहाजा सरकार को इनकी हुनर का कद्र करते हुए इन गरीब हुनरमंद को विशेष ध्यान दिया जाए ताकि अपने हुनर के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक लोगों को आत्मनिर्भर बना सके.
रिपोर्ट: संजय सिंह