आरा : बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने आरा सदर प्रखंड में तथा राजकीय अंबेडकर कल्याण छात्रावास, कतीरा, भोजपुर में दो अलग-अलग सभाओं को संबोधित किया। अपने संबोधन में चौधरी ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपने नेता के साथ खड़े हों। संविधान और आरक्षण विरोधी ताकतों के खिलाफ इस तरह से एकजुट हों कि आने वाले समय में कोई भी पार्टी या उनके नेता अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन-जाति के अधिकारों की अनदेखी करने से पहले हज़ार बार सोचे।
चौधरी ने कहा कि बहुत विषम परिस्थितियों से दलित समाज आगे बढ़ा जिसमें अनेक सामाजिक एवं राजनीतिक लोगों की भूमिका रही। बाबा साहब ने हमें समानता का अधिकार दिया। वर्ष 2007 से पहले भी हमारी जनसंख्या थी लेकिन राजनीतिक सबलता की कमी के कारण पंचायती राज संस्थाओं में हमारा प्रतिनिधित्व नगण्य था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब 2005 में आपके प्रेम और स्नेह से बिहार के सत्ता की बागडोर संभाली तो उन्होंने हमें सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक रूप से सम्बल देने का काम किया।
मंत्री ने आगे कहा कि नेता ने वर्ष 2007 में पंचायती राज का चुनाव करवाया और उसमें अनुसूचित जाति और जनजाति के साथ-साथ अतिपिछड़ा और महिलाओं को आरक्षण देकर एक नई राजनैतिक पीढ़ी को जन्म देने का काम किया। वैसे तमाम लोगों को माननीय नेता ने इस प्रदेश में न सिर्फ मुखिया सरपंच बल्कि जिला पार्षद के पद पर भी आरक्षण दिया और ऐसे लोगों को इन पदों पर बिठाने का काम किया।
चौधरी ने सभा में मौजूद अतिपिछडा समाज, दलित समाज और महिलाओं का आवाहन करते हुए कहा कि जो नेता आपके बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं, आपकी आने वाली पीढ़ियों को सशक्त और शिक्षित करना चाहता है, जो नेता राजनितिक रूप से आपके प्रभाव को बढ़ाना चाहता है, वैसे नेता के परचम को मजबूती से पकड़े रखियेऔर जो लोग इस देश के संविधान और आरक्षण के साथ खिलवाड़ करना चाहते हैं वैसे लोगों के मनसूबो को चकनाचूर करने के लिए पुरे दलित भाइयों और पार्टी के नेताओं ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में पटना के वेटनरी मैदान में 26 नम्वबर को भीम संसद का आयोजन किया है जिसकी सफलता के लिए हम आपसे आग्रह करने आये हैं कि पूरी ताकत के साथ 26 नम्वबर को पटना पहुंचिए और संविधान और आरक्षण विरोधी ताकतों मुंहतोड़ जवाब दीजिए।
स्थानीय संवाददाताओं के बिहार सरकार द्वारा बांटे गए नियुक्ति पत्र से सम्बंधित सवाल पर चौधरी ने कहा कि हमारे नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर एक बार पूरे देश के सामने एक उत्कृष्ट उदाहरण दिया है क्योंकि हिन्दुस्तान की आज़ादी के बाद ये पहली सुखद घटना है जब एक विज्ञापन में सरकार ने एक लाख बीस हज़ार नियुक्ति पत्र दिया है। प्रशांत किशोर द्वारा डोमिसाइल लागू करने से संबंधित एक और सवाल पर चौधरी ने कहा कि प्रशांत किशोर की बातों को गंभीरता से नहीं लिया जा सकता क्योकि वे एक प्रोफेशनल हैं जिन्होंने जन सरोकार से अलग हटकर राजनीतिक दलों को अपने व्यावसायिक लाभ के अनुसार स्थापित करने का प्रयास किया है।
इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भगवान सिंह कुशवाहा, जदयू के प्रदेश महासचिव रंजीत कुमार झा, जदयू के जिलाध्यक्ष संजय सिंह, पूर्व विधायक विजेंद्र यादव, पूर्व विधायक प्रभुनाथ राम, मनोज उपाध्याय, रुबेल रविदास, जदयू महादलित प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अवधेश कुमार और महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष पुष्पा कुशवाहा अंबेडकर छात्रावास के नेता सोनजीत पासवान सहित अन्य साथीगण मौजूद रहे।
एसके राजीव की रिपोर्ट