झारखंड में संगठित अपराधियों की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी, एटीएस की बड़ी कार्रवाई की योजना

झारखंड में संगठित अपराधियों की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी, एटीएस की बड़ी कार्रवाई की योजना

रांची: झारखंड में संगठित अपराधियों और उग्रवादी गिरोहों द्वारा कारोबारियों, ठेकेदारों, और ट्रांसपोर्टरों से लेवी और रंगदारी वसूल कर अकूत संपत्तियां खड़ी करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। अब इन कुख्यात अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए झारखंड पुलिस का आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) उनकी संपत्तियां कुर्क करने की तैयारी कर रहा है। एटीएस इन अपराधियों की अचल संपत्तियों का ब्यौरा जुटा रहा है और जल्द ही कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई शुरू करेगा।

अमन साव, सुजीत सिन्हा समेत कई कुख्यात अपराधी एटीएस के निशाने पर

झारखंड एटीएस ने जेल में बंद कुख्यात अपराधियों अमन साव, सुजीत सिन्हा, डब्लू सिंह और फरार प्रिंस खान की करोड़ों की संपत्तियों का पता लगाया है। जांच में खुलासा हुआ है कि इन अपराधियों ने पुलिस से बचने के लिए अपनी संपत्ति अपने नाम पर न रखकर अपने करीबियों और सफेदपोश लोगों के नाम पर बनाई है। एटीएस एसपी ऋषभ झा ने बताया कि इन अपराधियों की संपत्ति की पूरी जानकारी जुटाई जा रही है और जल्द ही कुर्की की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

रांची और रिंग रोड पर करोड़ों की संपत्ति, सफेदपोशों पर भी कसा जाएगा शिकंजा

जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि इन अपराधियों ने राजधानी रांची और रिंग रोड के आसपास करोड़ों की संपत्तियां खरीदी हैं। एटीएस को जानकारी मिली है कि इन संपत्तियों में कई सफेदपोश लोगों के नाम भी शामिल हैं। एटीएस अब इन सफेदपोशों को नोटिस जारी कर उनसे संपत्ति खरीदने के लिए इस्तेमाल किए गए धन का स्रोत पूछेगी। यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिलता, तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

नक्सलियों और स्प्लिंटर्स ग्रुप के खिलाफ भी सख्त कदम

झारखंड पुलिस नक्सलियों के खिलाफ पहले ही जोरदार अभियान चला रही है। अब स्प्लिंटर्स ग्रुप के उग्रवादियों और अपराधियों पर भी आर्थिक चोट देने की तैयारी है। पुलिस इन उग्रवादियों की संपत्तियां जब्त कर उन्हें कमजोर करने का प्रयास करेगी। डीजीपी ने इस संबंध में सभी जिलों को निर्देश जारी किए हैं।

जल्द दिखेगा बड़ा असर

झारखंड एटीएस और पुलिस की इस संयुक्त कार्रवाई से संगठित अपराधियों, नक्सलियों और उनके नेटवर्क को कमजोर करने की योजना है। यह कदम झारखंड में अपराध और उग्रवाद को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता

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