बाबूलाल का तंज – सिर्फ शिबू सोरेन के नाम पर फैला है ढाई सौ करोड़ की संपत्तियों का परिजाल

Ranchi- बाबूलाल का तंज- पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन पर तंज कसते हुए कहा है कि

जब-जब हेमंत सरकार पर संकट आता है, आदिवासी कार्ड खेलना शुरु कर दिया जाता है.

हेमंत सोरेन कहते हैं कि हम आदिवासी हैं, इसलिए भाजपा हमें नहीं पचा रही है.

बाबूलाल का तंज, सामंतवादियों का कुनबा है जेएमएम

लेकिन सच्चाई तो यह है कि यह जेएमएम का पूरा कुनबा ही सामंतवादी जीवन जीता है.

चुनाव आयोग हो या कोर्ट हर जगह यह सरकार घिरी हुई है,

देश के नामी गिरामी वकिलों को हायर किया जा रहा है.

लेकिन फिर दावा आदिवासी होने का किया जाता है.

जेएमएम की ओर से कल ही यह खबर फैलाया गया कि

लोकपाल के माध्यम से शिबू सोरेन को बड़ी राहत मिली है,

लेकिन इस परिवार ने 108 परिसंपत्तियों का निर्माण किया है.

रांची से दुमका तक फैला है संपत्तियों का परिजाल

उसकी खरीद की है. ये सारे संपत्ति दुमका से रांची तक फैले हुए हैं.

चुनाव आयोग या इनकमटैक्स से इस ब्यौरा को छुपाने के आरोप में इनकी सदस्यता जानी तय है.

कई बेनामी संपत्तियों को में भी जानता हूं, राज्य में भी ओर राज्य के बाहर भी.

इसीलिए बड़े बड़े वकीलों को बुलाया जाता है,

किसी भी दूसरे आदिवासी परिवार ने इस कदर संपत्ति हासिल नहीं किया होगा.

सोरेन परिवार को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में संपत्ति

हासिल करने को लेकर अपना नाम दर्ज करवा लेना चाहिए.

इनकम टैक्स और सीबीआई के आंकड़ों के अनुसार

सिर्फ शिबू सोरेन के नाम से ढाई सौ करोड़ की संपत्ति हैं.

परिवार के सभी सदस्यों के पास अधोषित संपत्तियां है.

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