Behind The Scene : अभिनेता पवन कल्याण को रूसी पत्नी ने बनाया मंजा हुआ राजनेता

उप मुख्यमंत्री बने पवन कल्याण के सियासी सफर के मौजूदा चटख स्वरूप के पीछे उनकी रूसी पत्नी का बड़ा हाथ माना जा रहा है।

डिजीटल डेस्क :  Behind The Sceneअभिनेता पवन कल्याण को रूसी पत्नी ने बनाया मंजा हुआ राजनेता। आंध्र प्रदेश की सियासत में चौथी बार सीएम बने टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू के साथ उप मुख्यमंत्री बने पवन कल्याण के सियासी सफर के मौजूदा चटख स्वरूप के पीछे उनकी रूसी पत्नी का बड़ा हाथ माना जा रहा है। तेलगू फिल्मों के पॉवर स्टार के रूप में मशहूर पवन कल्याण परदे की दुनिया से निकलकर सियासत में मंजे हुए राजनेता के रूप में छा गए हैं तो इसमें उनकी तीसरी पत्नी रूसी मूल की अना लेजनेवा की अहम भूमिका रही है। सुर्खियों से दूर भारतीय रीति रिवाजों को आत्मसात कर चुकी अना को पवन के करीबी उनका पॉवर स्टोर मानते हैं। कहते हैं कि सियासत में अपने पति के संघर्ष के दौर में परदे के पीछे अना मजबूती से उनके विश्वास के न डिगने का संबल बनकर डटी रहीं, टूटने और बिखरने नहीं दिया बल्कि चुनौतियों से पार पाने का जज्बा दिया।

13 साल पहले रूस में हुई थी पवन से मॉडन अना की मुलाकात

दोनों के परिणय सूत्र में बंधने की कहानी साल 2011 में शुरू हुई। तब पवन कल्याण एक तेलगू फिल्म की शूटिंग के लिए रूस पहुंचे थे और वहीं उनकी मुलाकात रूसी मॉडल अना लेजनेवा से हुई। यह मुलाकात मेलजोल में तब्दील हुई तो दोनों में निकटता प्रगाढ़ होनी शुरू हुई। सितंबर 2013 में दोनों भारतीय रीति रिवाजों से परिणय सूत्र में बंधे और अग्नि के सामने सात फेरे लिए। अना से पहले पवन कल्याण के जीवन में दो पत्नियां आ चुकी थीं और विदा भी ले चुकी थीं जिसे लेकर तमाम किस्से सिने जगत सुर्खियों में भी छाए रहे। वर्ष 1999 में पवन ने 19 वर्षीया नंदिनी से शादी की थी और वर्ष 2001 में अभिनेत्री रेणु देसाई संग विवाहेत्तर संबंध बने। तब एक पुत्र ने भी जन्म लिया था। इस मामले को नंदिनी कोर्ट में लेकर गईं तो वर्ष 2008 में विधिसम्मत तरीके से दोनों के बीच तलाक हुआ और साल 2009 में पवन कल्याण ने रेणु से विवाह बंधन में बंधे।

पवन और अना ने बेटे का नाम रखा है मार्क शंकर पाउयानोविच

पवन रेणु देसाई के साथ भी लंबे समय तक विवाहित जीवन में नहीं बंधे रह सके। वर्ष 2012 में दोनों अलग हो गए। फिर अना पवन के जीवन में आईं और रूसी संस्कृति में पली-बढी होने के बाद भी भारतीय विशेषकर दक्षिण भारतीय रीति रिवाजों को सहजता से आत्मसात कर लिया। वर्ष 2017 में दोनों को एक पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई और नाम रखा गया – मार्क शंकर पाउयानोविच। बेटे के इस नामकरण के पीछे पति-पत्नी के अपने -अपने देशों की पौराणिक मान्यता और परंपरा को अहमियत सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा। मार्क नाम रोमन देवता के आधार पर रखा गया जबकि शेष पवन के पारिवारिक परंपरा और आखिर में पति-पत्नी के साझे परिचय को दर्शाने वाले रूप में। अना की एक बेटी भी है।

अना पवन के जीवन में आईं और रूसी संस्कृति में पली-बढी होने के बाद भी भारतीय विशेषकर दक्षिण भारतीय रीति रिवाजों को सहजता से आत्मसात कर लिया।
फाइल फोटो

अना के जीवन में आते ही सियासी पिच पर उतरे पवन कल्याण

अब यहीं से शुरू होती है पवन कल्याण के भीतर राजनीति के कुलबुलाते कीड़े से धरातल पर आकार लेने की। पवन ने अपने भाई चिरंजीवी के राजनीतिक पार्टी प्रजाराज्यम को ज्वाइन किया। बाद में चिरंजीवी ने अपनी पार्टी का तत्कालीन सियासी माहौल को देखते हुए कांग्रेस में विलय कर दिया था लेकिन पवन को वह बात नहीं जमी और उन्होंने अपना रास्ता अलग कर लिया। राजनीति से तब पवन से कुछ समय के लिए विराम लिया और फिर वर्ष 2014 में अपनी सियासी पार्टी जनसेना बनाई। उसी वर्ष उन्होंने टीडीपी और भाजपा से गठबंधन कर आंध्र प्रदेश में चुनाव भी लड़ा। फिर वर्ष 2019 में गठबंधन न करके पवन कल्याण की जनसेना अकेले चुनाव लड़ा और विधानसभा में जनसेना का एक ही विधायक निर्वाचित हो सका था। तब खुद पवन कल्याण को भी हार का मुंह देखना पड़ा था।

सियासत में पवन का हौसला बनीं पत्नी अना शपथ ग्रहण समारोह में रही आकर्षण का केंद्र

तब पत्नी अना ने हौसला रखने और हिम्मत न हारने की सलाह दी। यही नहीं, पवन के हर सियासी फैसले के पीछे वह साए की तरह मजबूती से डटी रहीं। वर्ष 2020 में ही हवा का भावी रूख भांपते हुए पवन कल्याण ने भाजपा से आगे का चुनावी गठबंधन करने की घोषणा कर दी। उस घोषणा से पहले उन्होंने भाजपा नेतृत्व के साथ काफी गंभीर वार्ता की थी और अहम सियासी फैसला लिया था। उसी का नतीजा आंध्र प्रदेश के सियासी पिच पर अब दिखा है जब भाजपा, टीडीपी और जनसेना के गठबंधन ने सत्ता की दौड़ में सभी को काफी पीछे छोड़ दिया। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान गठबंधन की ओर से प्रमुख चेहरे के रूप में पवन कल्याण ने ही वाईएसआर कांग्रेस के खिलाफ तल्ख तेवरों वाली कमान संभाल रखी थी और उनके तेवरों की तल्खी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रोड शो करते हुए पूर्व सीएम जगनमोहन रेड्डी के लिए पवन कल्याण से खुलकर कहा था- ‘बॉय बॉय जगन’। उप मुख्यमंत्री के रूप में पवन कल्याण के शपथ ग्रहण समारोह में पारंपरिक भारतीय वेशभूषा में पहुंचकर मारे गर्व से तालियां बजाते हुए अना अचानक ही लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बनीं लेकिन भारतीय पत्नी वाले भाव को आत्मसात किए अना लजाते-सकुचाते हुए प्रचार माध्यमों से खुद की दूरी बनाए रखी। पवन कल्याण के करीबी पारिवारिक सूत्र बताते हैं कि उनकी पत्नी अना करीब 1500 करोड़ रुपये की संपत्ति की मालकिन हैं और सिंगापुर में उनका अपना होटल कारोबार भी है।

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