Bhojpur News: बिहार के भोजपुर (Bhojpur) जिले में जंगली रसभरी खाने से पांच बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। सभी बच्चों को उल्टी, दस्त और पेट दर्द की शिकायत होने लगी, जिसके बाद परिजनों ने तुरंत उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में बच्चों का इलाज जारी है और डॉक्टरों की टीम उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
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कैसे हुआ हादसा?
बीमार हुए बच्चों के परिजनों ने बताया कि यह घटना भोजपुर (Bhojpur) जिले के एक गांव में घटी। बीमार बच्चों में शामिल आदित्य कुमार की बड़ी मां शीला देवी ने बताया कि सभी बच्चे खेत की ओर गए थे और वहां उन्होंने जंगली रसभरी खाई।
कुछ ही देर बाद सभी बच्चों ने उल्टी, दस्त और पेट दर्द की शिकायत की। स्थिति बिगड़ती देख बच्चों ने अपने परिजनों को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद तुरंत सभी को अस्पताल ले जाया गया।
इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती
परिजनों ने जब बच्चों की गंभीर हालत देखी तो वे घबरा गए और तत्काल उन्हें आरा के सदर अस्पताल (Ara Sadar Hospital) लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चों की हालत स्थिर है, लेकिन अभी उनकी स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है।
सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. आर. के. वर्मा ने बताया, “बच्चों की स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। प्रथम दृष्टया यह फूड पॉइजनिंग का मामला लग रहा है। हमने प्राथमिक उपचार शुरू कर दिया है और बच्चों को जरूरी दवाएं दी जा रही हैं।”
क्या है जंगली रसभरी?
रसभरी एक छोटे पीले रंग का फल होता है, जिसे कई जगहों पर गोल्डन बेरी के नाम से भी जाना जाता है। यह कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है, लेकिन यदि यह अधिक मात्रा में या कच्ची अवस्था में खा ली जाए तो यह विषाक्त प्रभाव डाल सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, जंगली रसभरी के कुछ प्रकारों में विषाक्त तत्व मौजूद होते हैं, जो पेट संबंधी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। यही वजह है कि बिना जानकारी के जंगलों या खेतों में उगने वाले किसी भी फल का सेवन नहीं करना चाहिए।
परिजनों में चिंता और भय का माहौल
घटना के बाद गांव में हड़कंप मच गया और स्थानीय लोग बच्चों की सेहत को लेकर चिंतित हो गए। बीमार बच्चों के माता-पिता काफी परेशान हैं और बार-बार डॉक्टरों से उनकी स्थिति के बारे में जानकारी ले रहे हैं।
बच्चों के परिवारजन शीला देवी ने बताया, “हमने कभी नहीं सोचा था कि जंगली रसभरी इतनी खतरनाक हो सकती है। यह तो हमारे खेतों में हर साल उगती है और पहले भी कई बार बच्चों ने इसे खाया है, लेकिन इस बार ऐसा क्या हुआ कि सभी बच्चे बीमार पड़ गए?”
डॉक्टरों की सलाह
विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि:
- किसी भी जंगली फल को खाने से पहले उसकी पहचान और जानकारी लें।
- बच्चों को बिना पहचाने के खेतों या जंगलों में उगने वाले फलों से दूर रखें।
- यदि किसी को फूड पॉइजनिंग के लक्षण दिखें तो तुरंत अस्पताल ले जाएं।
अस्पताल प्रशासन का आश्वासन
अस्पताल प्रशासन ने परिजनों को आश्वासन दिया है कि सभी बच्चों का उचित इलाज किया जा रहा है और जल्द ही वे स्वस्थ होकर घर लौट जाएंगे। हालांकि, डॉक्टरों ने कहा कि वे इस मामले में पूरी जांच करेंगे कि क्या वास्तव में जंगली रसभरी से यह समस्या हुई या फिर कोई और कारण था।