आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई: मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव समेत 16 ठिकानों पर दूसरे दिन भी छापेमारी

आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई: मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव समेत 16 ठिकानों पर दूसरे दिन भी छापेमारी

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के वरीय आप्त सचिव (पीएस) सुनील श्रीवास्तव, उनके रिश्तेदारों और करीबियों के 16 ठिकानों पर आयकर विभाग ने लगातार दूसरे दिन भी छापेमारी की। यह कार्रवाई विधानसभा चुनाव के दौरान कथित कैश फ्लो से जुड़ी जानकारी के आधार पर की जा रही है।

शनिवार से शुरू हुई इस छापेमारी में आयकर विभाग की टीम ने रांची के विभिन्न इलाकों में स्थित सुनील श्रीवास्तव और उनके करीबी, ग्लोबल डेवलपर के मालिक दिनेश मंडल के दफ्तरों और आवासों पर दस्तावेजों की गहन जांच की। सूत्रों के अनुसार, टीम को कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जो दोनों के बीच व्यापारिक संबंधों की पुष्टि करते हैं।

सूत्र बताते हैं कि जांच के दौरान आयकर विभाग को पता चला है कि दिनेश मंडल कुछ कंपनियों में पार्टनर हैं। इन कंपनियों में हाल ही में बड़े पैमाने पर नकद जमा किया गया है। हालांकि, जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इनमें से कुछ कंपनियों को हाल ही में बंद कर दिया गया है।

आयकर विभाग की टीम अब सुनील श्रीवास्तव और दिनेश मंडल के बैंक खातों और लॉकर की भी जांच कर रही है। इन खातों में हुए लेन-देन की विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है, ताकि चुनावी कैश फ्लो के स्रोत का पता लगाया जा सके।

रविवार तक 15 ठिकानों पर छापेमारी पूरी हो चुकी थी, जबकि एक स्थान पर यह अभियान अब भी जारी है। आयकर विभाग ने यह कार्रवाई ऐसे समय में की है जब चुनावी प्रक्रिया से जुड़े वित्तीय लेन-देन पर पहले से ही कड़ी नजर रखी जा रही है।

आयकर विभाग को दस्तावेजों से पता चला है कि सुनील श्रीवास्तव और दिनेश मंडल के बीच लंबे समय से व्यापारिक संबंध हैं। ग्लोबल डेवलपर नामक कंपनी, जिसमें दिनेश मंडल की प्रमुख भूमिका है, चुनावी गतिविधियों के दौरान संदिग्ध लेन-देन में शामिल हो सकती है।

आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि दस्तावेजों और खातों का बारीकी से विश्लेषण किया जा रहा है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि चुनावों के दौरान कैश फ्लो कैसे और कहां इस्तेमाल किया गया।

इस छापेमारी ने झारखंड की राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबियों पर आयकर विभाग की इस कार्रवाई को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है। हालांकि, विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि यह पूरी कार्रवाई केवल वित्तीय अनियमितताओं की जांच पर केंद्रित है।

 

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