राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
पटना के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन
पटना : बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और 9 बार विधायक रहे सदानंद सिंह का निधन हो गया। पटना के निजी अस्पताल में
Highlights
इलाज के दौरान उनका निधन हुआ। राजनीतिक जगत के लिए उनका जाना बाग़ में आए पतझड़ के समान है। मूल रूप से
भागलपुर जिले के रहने वाले 76 साल के सदानंद सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। सदानंद सिंह के निधन की सूचना पर
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव सहित कई नेताओं ने शोक जताया है।
सीएम नीतीश ने जताया शोक
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदानंद सिंह के निधन पर शोक जताया है। सीएम नीतीश के सदानंद सिंह से
अच्छे निजी संबंध थे। सीएम नीतीश ने ऐलान किया कि सदानंद सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया
जाएगा। बता दें कि अलग-अलग गठबंधनों के बावजूद जब भी नीतीश भागलपुर जाते थे तो
उनका सदानंद सिंह के घर जाना तय रहता था।
एक कुशल राजनेता थे सदानंद बाबू : तेजस्वी यादव
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी सदानंद बाबू के निधन पर शोक जताया है।
उन्होंने कहा है कि बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सदानंद सिंह के निधन पर गहरी शोक-संवेदना व्यक्त करता हूं।
उनका लंबा सामाजिक-राजनीतिक अनुभव रहा। वो एक कुशल राजनेता थे।
ईश्वर से उनकी आत्मा को शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को दुख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।
लोकप्रिय नेता थे सदानंद बाबू : मांझी
वहीं पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी सदानंद सिंह के निधन पर शोक जताया है। मांझी की पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने
कहा है कि जीतन राम मांझी सदानंद बाबू के निधन से मर्माहत हैं।
मांझी ने कहा कि सदानंद बाबू के निधन ने बिहार की
राजनीति में एक ऐसा शून्य छोड़ दिया है जो कभी भर नहीं पाएगा। वे एक लोकप्रिय नेता थे।
नौ बार विधायक रहे सदानंद सिंह
बिहार के वरिष्ठ कांग्रेस नेता सदानंद सिंह भागलपुर जिले के कहलगांव विधानसभा से वे नौ बार विधायक रहे।
एक बार बिहार विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे। एक बार राज्य सरकार में मंत्री थे। वे कांग्रेस के कद्दावर नेता थे।
पिछले दो माह से बीमार सदानंद सिंह पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे।
भागलपुर जिले के कहलगांव अनुमंडल के धुआवै में उनका पैतृक घर था। वर्ष 2020 तक वे कहलगांव से विधायक रहे।
इसके बाद उन्होंने राजनीति से सन्यास ले ली। वर्ष 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में कहलगांव से उन्होंने अपने पुत्र
शुभानंद मुकेश को कांग्रेस से टिकट दिलाया। हालांकि वे भाजपा के पवन कुमार यादव से
एक लाख से ज्यादा मतों से पराजित हो गए।
भागवत झा आजाद सदानंद सिंह को कांग्रेस में लाये थे
सदानंद सिंह ने तिमांविवि से बीकाम व एलएलबी की पढ़ाई की।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा कहलगांव के शारदा पाठशाला से हुई।
जहां से उन्होंने मैट्रिक की थी। वे शुरू से ही कांग्रेस में रहे। भागवत झा आजाद ने इन्हें कांग्रेस में लाया था।
1969 से वे राजनीति में सक्रिय थे। पहली बार 1972 में चुनाव लड़े और विधायक बने।
इसके बाद लगातार चार बार विधायक रहे। इसके बाद दो बार राजद प्रत्याशी महेश प्रसाद मंडल ने इन्हें पराजित कर दिया।
दो बार हारने के बाद वे पुनः जीते। इसके बाद उन्हें जदयू प्रत्याशी अजय कुमार मंडल
(भागलपुर के वर्तमान जदयू सांसद) ने इन्हें पराजित किया। इसके बाद हुए चुनाव में फिर सदानंद सिंह जीत गए।
उनके निधन से हर वर्ग व पार्टी के लागों ने शोक जताया। वे जन-जन के नेता थे।
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