रोहतास : पूर्व कृषि मंत्री नागमणि ने सरकार बनते ही बिहार में शराबबंदी को वापस लेने की घोषणा की है. नागमणि ने कहा है कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह फेल है. बिहार के हर गली, हर मुहल्ले में शराब उपलब्ध है. यह भगवान की तरह दिखता तो नहीं है पर रहता सभी जगह है. हां, एक फर्क आया है कि पहले दिन भर हड्डी तोड़ मेहनत करने के बाद गरीब, मजदूर तोड़ी शराब पीकर अपनी थकान मिटा लेता था, लेकिन अब यह उसकी पहुंच से दूर होकर समाज के दबंगों के हिस्से में चला गया है. वही शराब का पूरा कारोबार करते है और गरीब-मजदूर-किसान और वंचित समुदाय के लोग जेल जाते हैं. शराबबंदी में पकड़े गए लोगों का सामाजिक आकंड़ा को गौर से देखिए तो पता चलेगा कौन लोग आज जेल में है. शराबबंदी से अपराध नियंत्रण का दावा पूरी तरह फर्जी और काल्पनिक है.
बता दें कि बिहार के लेनिन कहे जाने वाले स्व. जगदेव के पुत्र नागमणि काफी अर्से से राजनीति के हाशिए पर चल रहे हैं. हाल के दिनों में इनके द्वारा बाबा साहब बी आर अम्बेडकर के सिद्धांतों पर नई पार्टी के गठन की घोषणा की है.
इसी पार्टी के गठन के तैयारियों को लेकर नागमणि अभी बिहार से विभिन्न इलाकों का दौरा कर रहे है. शराबबन्दी को वापस लेने की घोषणा मतदाताओं के एक हिस्से को अपने पाले में करने और अपने राजनीतिक वनवास को खत्म करने की कोशिश मानी जा रही है.
पूर्व कृषि मंत्री नागमणि ने कहा है कि पूर्ण शराबबंदी को खत्म कर कुछ शर्तों के साथ शराब बेचे जाने की अनुमति दी जाएगी. शराब पीना कोई गलत बात नहीं है, लेकिन शराब पीकर हंगामा खड़ा और महिला उत्पीड़न बुरी बात है. यदि कोई शराब पीकर हंगामा करता है या महिला उत्पीड़न करता है तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
नागमणि ने कहा कि सिर्फ कुछ महिलाओं के कहने पर शराबबंदी लागू कर तो दी गई, लेकिन यह पूरी तरह से विफल हो गया. महिलाएं सिर्फ इतना चाहती है कि कोई शराब पीकर मारपीट या हंगामा नहीं करे.
रिपोर्टःरुपेश