गया: Bihar आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बार-बार शिकायत करने के बावजूद उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा। Bihar राज्य सेविका सहायिका संघ ने कई बार निदेशालय और संबंधित अधिकारियों से वार्ता की मांग की, लेकिन कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया। इससे आंगनबाड़ी कर्मियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बिहार राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका व कर्मचारी संघ के बैनर तले बड़ी संख्या में आंदोलनकारियों ने एक दिवसीय धरना दिया और एक बार फिर से अपनी आवाज बुलंद की।
Highlights
पुराने मोबाइल, कम रिचार्ज – कैसे चलेगा डिजिटल काम?
जिला मंत्री अंजू कुमारी ने बताया कि Bihar आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन को डिजिटल बनाने के लिए सरकार ने समेकित बाल विकास योजना के तहत वर्षों पहले मोबाइल फोन उपलब्ध कराए थे। लेकिन पिछले दो सालों से ये मोबाइल खराब पड़े हैं। सेविकाओं ने कई बार विभाग को सूचित किया, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। इसके अलावा सरकार की तरफ से केवल 200 रूपये का मोबाइल रिचार्ज दिया जाता है, जिससे पूरे महीने नेटवर्क बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। सरकार द्वारा एफआरएस (फूड राशन सिस्टम) लागू करने का आदेश दिया गया है, लेकिन डिजिटल उपकरणों की खराब स्थिति के कारण इसे लागू करना कठिन हो रहा है।
ग्रेच्युटी और सरकारी कर्मचारी का दर्जा भी मांग
संघ ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए ग्रेच्युटी भुगतान सुनिश्चित करने की मांग की है। इसके अलावा, गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को आधार बनाकर Bihar की आंगनबाड़ी सेविकाओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग भी उठाई गई है। संघ ने दो टूक कहा है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
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Gaya से आशीष कुमार की रिपोर्ट