रांची : राजधानी रांची में शुक्रवार को भड़की हिंसा पर भाजपा नेताओं ने कड़ी आलोचना करते हुए
Highlights
राज्य सरकार निशाना साधा है. भाजपा विधायक दल के नेता
बाबूलाल मरांडी, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास और सांसद संजय सेठ ने
हिंसा के लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और
उनके सूचना तंत्र को जवाबदेह ठहराया है और प्रशासन पर सवाल उठाया है.
आखिर कहां सोया हुआ था झारखंड का सूचना तंत्र– बाबूलाल मरांडी
बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने लगातार ट्वीट कर राज्य सरकार पर निशाना साधा.
बाबूलाल ने कहा कि दिन के दो बजे प्रशासन ने राजधानी रांची के जिस मेन रोड सड़क पर
फ्लैग मार्च निकाला, ठीक वहीं तीन बजे इतनी बड़ी वारदात हो गई.
असामाजिक तत्वों की पत्थरबाजी और फायरिंग के जवाब में पुलिस को गोली चलानी पड़ी.
आखिर कहां सोया हुआ था, झारखंड का सूचना तंत्र.
हथियार और पत्थरों से लैस उपद्रवियों का इतना बड़ा बवाल अनायास नहीं हो सकता.
जाहिर है इसके पीछे बड़ी साजिश होगी.
प्रशासन की विफलता
रांची के मेन रोड में जहां दो दिन पहले जेवर व्यवसायी की दिनदहाड़े हत्या हुई, वहां भी उपद्रवी पत्थर चलाते दिख रहे हैं. निश्चित रूप से ये सुरक्षा तंत्र और प्रशासन की विफलता है. बाबूलाल ने मुख्यमंत्री को निशाने पर लेते हुए कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति में आपने झारखंड को किस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है.
वोट बैंक की राजनीति छोड़कर कड़ी कार्रवाई करे सरकार- रघुवर दास
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने राजधानी रांची के मेन रोड में असामाजिक तत्वों द्वारा की गई तोड़फोड़ की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा कि सरकार वोट बैंक की राजनीति छोड़कर कड़ी कार्रवाई करे. नहीं तो इस तरह की घटनाएं और बढ़ेंगी.
प्रशासन ने क्यों नहीं की घटना से निपटने की तैयारी, सांसद संजय सेठ ने उठाए सवाल
पत्थरबाजी और आगजनी की घटना पर सांसद संजय सेठ ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. सांसद ने कहा कि जो कुछ भी हुआ, उसका पूर्वानुमान पहले से था. 2 दिन पूर्व से बंदी को लेकर पर्चे बांटे जा रहे थे. घोषणाएं की जा रही थी, तब प्रशासन ने इसकी मुकम्मल तैयारी क्यों नहीं की. इसका जवाब प्रशासन को और राज्य सरकार को देना चाहिए.
सांसद ने कहा कि रांच की मेन रोड में जिस तरह की घटना हुई, वह कोई सामान्य घटना नहीं है. बिना पूर्व की तैयारी के ऐसी घटना अचानक नहीं हो सकती है. यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण नहीं बल्कि पूरी तरह से राज्य सरकार और प्रशासन की विफलता का परिणाम है. सांसद ने कहा कि बिना किसी लाग लपेट के राजय सरकार और प्रशासन के द्वारा उपद्रवियों पर ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए. उनकी संपत्ति जब्त की जानी चाहिए और उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए.