रांची. राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बड़ा हमला बोला है। भाजपा ने झारखंड के सभी जिलों में महामहिम राज्यपाल के नाम उपायुक्तों को ज्ञापन सौंपा, जिसमें चाईबासा सदर अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित आदिवासी बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाए जाने की घटना पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।
भाजपा की मुख्य मांगें
भाजपा ने अपने ज्ञापन में राज्यपाल से आग्रह किया है कि, दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। स्वास्थ्य मंत्री को तत्काल बर्खास्त किया जाए। पूरे प्रकरण की सीबीआई या उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से जांच कराई जाए। राज्य में संचालित ब्लड बैंकों की स्थिति की उच्च स्तरीय जांच की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
भाजपा ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
ज्ञापन में भाजपा ने कहा है कि झारखंड की सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था “पूरी तरह ध्वस्त” हो चुकी है। पार्टी ने आरोप लगाया कि, “डॉक्टर, दवाई, बेड और एम्बुलेंस की भारी कमी के कारण गरीब जनता सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं, बल्कि मौत लेने पहुंच रही है।” भाजपा ने यह भी कहा कि चाईबासा सदर अस्पताल में हुई घटना ने राज्य सरकार की अक्षम्य लापरवाही और भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है।
एचआईवी संक्रमित खून की घटना से मचा हड़कंप
हाल ही में चाईबासा सदर अस्पताल में कई थैलेसीमिया पीड़ित गरीब आदिवासी बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाए जाने की खबर सामने आई थी। इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठे हैं। भाजपा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस घटना को “लीपापोती” में बदलने में लगे हैं, जबकि यह मामला सीधे जनता के जीवन से जुड़ा है।
भाजपा ने ज्ञापन में कहा कि विभागीय मंत्री और सिविल सर्जन की मिलीभगत से टेंडर और आउटसोर्सिंग का खेल जारी है। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि मनमाने ठेकेदारों को टेंडर बांटे जा रहे हैं। घटिया सामग्रियों की आपूर्ति की जा रही है। प्रतिबंधित कफ सिरप की अवैध बिक्री हो रही है। रिम्स निदेशक ने शपथ पत्र में कहा कि मंत्री कमीशन के बिना फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करते।
भाजपा ने की सख्त कार्रवाई की मांग
भाजपा ने महामहिम राज्यपाल से आग्रह किया है कि संक्रमित खून चढ़ाने में दोषी सभी लोगों को जेल भेजा जाए। स्वास्थ्य विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार पर सीटिंग जज या CBI जांच कराई जाए। राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए सरकार को सख्त निर्देश दिए जाएं।
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