Garhwa: जिले के रंका प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित उच्च विद्यालय, बरदरी इन दिनों शिक्षा संकट से गुजर रहा है। विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित हो रही है। कई विषयों की कक्षाएं महीनों से नियमित रूप से नहीं चल पा रही हैं, जिससे सैकड़ों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है।
Garhwa: शिक्षकों की कमी से जूझ रहा बरदरी विद्यालय
विद्यालय में फिलहाल कुछ ही शिक्षक कार्यरत हैं, जो सभी विषयों की कक्षाएं एक साथ संभाल नहीं पा रहे हैं। विज्ञान, गणित और अंग्रेजी जैसे मुख्य विषयों की क्लासें कई दिनों से बंद पड़ी हैं। विद्यालय प्रशासन का कहना है कि शिक्षक पद वर्षों से रिक्त पड़े हैं, बावजूद इसके विभाग की ओर से कोई नई नियुक्ति नहीं की गई है।
Garhwa: प्रधानाध्यापक और छात्रों की गुहार
विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। छात्रों ने भी प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द शिक्षकों की नियुक्ति की जाए ताकि उनकी पढ़ाई बाधित न हो। छात्रों का कहना है, “हम रोज स्कूल आते हैं, लेकिन कई बार क्लास ही नहीं होती।”
Garhwa: ग्रामीणों ने उठाई आवाज
बरदरी गांव के स्थानीय ग्रामीणों ने भी सरकार और शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सरकारी योजनाओं और “सर्व शिक्षा अभियान” के दावों के बावजूद गांव के बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षा का अधिकार तभी सार्थक होगा जब प्रत्येक स्कूल में पर्याप्त शिक्षक हों।
Garhwa: प्रशासन पर नजर
राजकीय उत्क्रमित उच्च विद्यालय, बरदरी में शिक्षकों की भारी कमी ने शिक्षा व्यवस्था की जमीनी सच्चाई को उजागर कर दिया है। अब यह देखना होगा कि जिला प्रशासन कब इन छात्रों की आवाज सुनेगा और उन्हें उनका “शिक्षा का अधिकार” वास्तव में दिला पाएगा।
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