Bokaro: लाखों की लागत से बना चास अनुमंडल कार्यालय का नया भवन जहां एक ओर प्रशासनिक सुविधा और आधुनिकता का प्रतीक माना जा रहा था, वहीं दूसरी ओर अब यह जनता के लिए परेशानी का कारण बनता जा रहा है। शनिवार को निबंधन कार्यालय में उमड़ी भीड़ ने भव्य इमारत की असल तस्वीर सामने ला दी — न बैठने की व्यवस्था, न पीने का पानी और चारों ओर गंदगी।
सुविधा के नाम पर कुछ नहीं
दूर-दराज से आए लोगों को घंटों कतार में खड़े रहना पड़ा। जब थकावट हावी हुई, तो लोग जमीन पर बैठने को मजबूर हो गए। महिलाओं और बुजुर्गों को विशेष रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ा। एक महिला ने नाराजगी जताते हुए कहा कि बिल्डिंग तो बड़ी बना दी गई है, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं। आम जनता के लिए कुर्सी तक नहीं है। पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं, और चारों ओर गंदगी ही गंदगी है।”
स्थानीय लोगों ने यह भी कहा कि नई बिल्डिंग केवल दिखावे के लिए है; सुविधा और सेवा के नाम पर स्थिति पहले से भी बदतर हो गई है। जनता की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही अभी भी बरकरार है।
Bokaro: निबंधन पदाधिकारी ने व्यवस्था सुनिश्चित करने का दिया आश्वासन
जब इस मुद्दे को लेकर निबंधन पदाधिकारी सौरभ वर्मा से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि हमने आवश्यक कुर्सियां मंगवा ली हैं और अगले एक सप्ताह के भीतर बैठने की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। पेयजल सुविधा को लेकर भी काम जारी है। हालांकि यह देखना बाकी है कि इन वादों को अमल में लाने में कितनी तत्परता दिखाई जाती है।
इस अव्यवस्था ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सरकारी योजनाएं सिर्फ कागज़ों और इमारतों तक सीमित रह गई हैं, जबकि जनता की मूलभूत ज़रूरतें आज भी उपेक्षित हैं?
रिपोर्टः चुमन कुमार