Bokaro- शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यदि एनडीए को आदिवासियों की इतनी ही फिक्र है तो वह शिबू सोरेन को राष्ट्रपति का उम्मीदवार घोषित क्यों नहीं करती.
आदिवासी समाज के मूल्यों और अधिकारों के लिए आज के दिन शिबू सोरेन से बड़ा संघर्षशील नेता कोई नहीं है. इनकी पूरी जिंदगी आदिवासी समाज के हक हकुक के लिए संघर्ष में बित गयी.
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो आज हुल क्रांति दिवस के अवसर पर चास के आईटीआई मोड स्थित सिद्धू कानू के आदम कद प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे थें. इस अवसर पर जगरनाथ महतो ने कहा कि तमाम संघर्षों के बावजूद भी अब तक आदिवासी मूलवासियों की समस्यायों का समाधान नहीं हुआ है. यही कारण है कि आज भी सिद्धू कानू का संघर्ष और हुल की प्रासंगिकता बरकरार है, आज भी हुल की बनी हुई है, बैगर हुल के हम अपनी समस्यायों का समाधान नहीं कर सकते.
झारखंड में एक और हुल क्रांति की जरूरत पर जोर दिया है। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बीजेपी की तरफ से आदिवासी कार्ड खेले जाने पर उन्होंने कहा कि बीजेपी राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुरमू को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाकर आदिवासी कार्ड खेलने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर आदिवासियों से बीजेपी को उतना ही प्रेम है तो शिबू सोरेन को इन लोगों ने राष्ट्रपति उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन से बड़ा आदिवासी नेता इस देश में कोई नहीं है। शिक्षा मंत्री के इस बयान के कई मायने निकाले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव में अभी देर है। पार्टी जो फैसला लेगी उसका पालन किया जाएगा।