BPSC Paper Leak Case: मुख्य सरगना के सहयोगी को रिमांड पर लेगी EOU, खुलेंगे कई राज

कपिल देव की बोकारो से हुई थी गिरफ्तारी

पटना : BPSC Paper Leak Case – बीपीएससी प्रश्नपत्र लीक (BPSC Paper Leak) मामले

में मुख्य सरगना के सहयोगी को रिमांड पर आर्थिक अपराध ईकाई (EOU) लेगी.

मुख्य सरगना शक्ति कुमार के प्रमुख सहयोगी कपिल देव को रिमांड पर लेने के बाद उससे पूछताछ होगी.

कपिल देव की गिरफ्तारी झारखंड के बोकारो से हुई थी.

शक्ति कुमार ने सबसे पहले प्रश्न पत्र कपिल देव को ही भेजा था.

कपिल देव ने प्रश्नपत्र को वायरल किया था. मामले में गिरफ्तार लोगों

की संपत्ति की भी आर्थिक अपराध इकाई जांच कर रही है.

BPSC Paper Leak: कई जगहों पर छिपा था कपिल देव

बीते नौ जून को ईओयू को सूचना मिली थी कि वह प्रयागराज में छिपा है,

लेकिन टीम के पहुंचने से पहले ही वह फरार हो गया.

इसके बाद वह दिल्ली, लेह-लद्दाख और नेपाल आदि जगहों छिपकर रह रहा था.

उसने इन स्थानों पर ठहरने और कई कंपनियों के सिम कार्ड का इस्तेमाल करने के लिए

फर्जी नाम से दो मतदाता पहचान पत्र बनवा रखा था.

ईओयू को कुछ दिन पूर्व सूचना मिली कि उसने बोकारो में अपने दोस्त के

रिश्तेदार के फिटनेस फर्स्ट नामक जिम को नया ठिकाना बनाया है. वहीं से उसे गिरफ्तार भी किया गया.

BPSC Paper Leak Case : मास्टरमाइंड शक्ति का सहयोगी है कपिलदेव

ईओयू ने प्रश्नपत्र वायरल मामले में नौ मई को प्राथमिकी दर्ज की थी.

छानबीन में ही प्रश्नपत्र वायरल करने में कपिलदेव की भूमिका भी सामने आई.

इसके बाद से ईओयू उसकी तलाश में थी.

कपिलदेव मूल रूप से बिहार के गया जिले के बाराचट़्टी थाना क्षेत्र के भितघरवा गांव का निवासी है.

ईओयू की मानें तो कपिलदेव पेपर लीक मामले में जेल में बंद

मास्टरमाइंड शक्ति कुमार ( केंद्राधीक्षक, रामशरण सिंह इवनिंग कालेज, गया) का सक्रिय सहयोगी है. शक्ति कुमार ने प्रश्न पत्र को परीक्षा के पूर्व करीब 10ः35 बजे ही वाट्सएप के माध्यम से भेजा था, जिसे कपिलदेव ने अपने अन्य मित्रों को फारवर्ड किया था.

प्रयागराज में करता था सरकारी नौकरी

छानबीन में पता चला कि कपिलदेव सरकारी नौकरी में है. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में वह सीजीडीए के आईटी व सिस्टम डिवीजन में आडिटर के पद पर तैनात था. बताया जाता है कि उसकी नौकरी महज दिखावे के लिए थी. इसकी आड़ में वह सरकारी नौकरी दिलाने में सेटिंग का खेल करता था. कपिलदेव ने अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सेटिंग एवं धांधली कर अभ्यर्थियों को पास कराने की बात स्वीकार की है. ईओयू ने गिरफ्तारी के समय इसके पास से दो मोबाइल फोन, दो कंपनी के पांच सिमकार्ड, पंजाब नेशनल बैंक के चार और भारतीय स्टेट बैंक के एक डेबिट कार्ड सहित फर्जी नाम से बनाए गए दो मतदाता पहचान पत्र भी जब्त किए हैं.

नौ के खिलाफ समर्पित किया जा चुका आरोप पत्र

इस मामले में ईओयू की विशेष टीम अब तक 18 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर चुकी है. एक आरोपित ने आत्मसमर्पण किया है. अभी तक नौ अभियुक्तों के विरूद्ध न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया जा चुका है. इस मामले की जांच अभी जारी है.

रिपोर्ट: प्रणव राज

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