डिजीटल डेस्क : Breaking – सीएम योगी का कल्याण सिंह की पुण्य तिथि पर सपा पर हमला, बोले – इनकी गुंडागर्दी का स्कोप डबल इंजन सरकार में बंद। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह के तीसरी पुण्य तिथि पर लखनऊ में हुए हिंदू गौरव दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके सहयोगी दलों विशेषकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला।
कहा कि आज ये (सपा वाले) परेशान हैं क्योंकि इनकी गुंडागर्दी के स्कोप को डबल इंजन की सरकार ने बंद कर दिया है। इनकी (सपा वालों की) अराजकता के स्कोप को बंद कर दिया है। इनके (सपा वालों के) षड़यंत्र के एक-एक स्कोप को कठोरता से बंद कर दिए गए हैं। इसलिए इनका परेशान होना स्वाभाविक है।
कल्याण सिंह जी ने ऐसी शक्तियों के लिए जीरो टालरेंस की नीति अपनाई थी। वही नीति मौजूदा सरकार की है कि अपराध और भ्रष्टाचार करने वालों के लिए कठोरता से काम होगा, भले ही इसके लिए कुछ भी कीमत क्यों ना चुकानी पड़े।
सीएम योगी का अखिलेश पर तंज – दुर्दांत माफिया के मरने पर फातिया पढ़ने उसके गांव जाते हैं
इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि, ‘कल्याण सिंह 10 बार विधायक, 2 बार सांसद, 2 बार मुख्यमंत्री रहने के अलावा 2 राज्यों के राज्यपाल रह चुके थे। कौन नहीं जानता है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया के तो श्रद्धेय बाबू जी (स्व. कल्याण सिंह) के दिवंगत होने पर श्रद्धांजलि देना तो दूर उनके मुंह से संवेदना का एक शब्द नहीं निकला था।
लेकिन दूसरी ओर प्रदेश का दुर्दांत माफिया (मुख्तार अंसारी) मरा था तो फातिया पढ़ने उसके गांव तक गए थे। यही पीडीए है क्या?
सरकार से नहीं बात कर सकते थे तो राजू भैया से फोन करके संवेदना व्यक्त कर सकते थे। दूसरी ओर, सैकड़ों हिंदुओं के खून से जिसके हाथ रंगे हुए थे, उस दुर्दांत माफिया के मरने पर ऐसे मातम मना रहे थे जैसे इनका की सगा चला गया हो।
बहनों-भाइयों, यही पीडीए का वास्तविक चरित्र है। इनका और चरित्र देखना है तो अयोध्या में एक निषाद बालिका के साथ जो घटना घटित हुई है, कन्नौज में जो घटना घटित हुई और लखनऊ में जो कुछ घटित हुआ – वही इनका वास्तवित चरित्र है और यही इनका वास्तविक चेहरा है। इसलिए इनका जब तक एकजुट होकर मुकाबला नहीं करेंगे तो ये ऐसे ही प्रदेश की जनता को बेवकूफ बनाते रहेंगे’।
सीएम बोले – इनकी साजिशों को एकजुट होकर सफल नहीं होने देना है
सीएम योगी यहीं नहीं रुके। इस क्रम में उन्होंने प्रतिपक्षी दलों नीति-रीति का जिक्र करते हुए अपने संगठन और सहयोगी दलों के लिए भी खुला संदेश दिया।
कहा कि, ‘याद रखना जब तक भारत का मूल हिंदू सनातन समाज मजबूत है तब तक भारत की एकता-अखंडता को दुनिया की कोई ताकत चुनौती नहीं दे सकती। लेकिन जिस दिन ये एकता खंडित होगी, उस दिन भारत को फिरके-फिरके में बांटने की विदेशी साजिशें सफल होंगी।
हमें इन साजिशों को सफल नहीं होने देना है, कत्तई नहीं होने देना है। आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है कि जो लोग आपको बांटने का काम कर रहे हैं, उनको पहचानें। उनके चेहरे अलग हैं, चाल अलग है और चरित्र अलग है। ये बोलेंगे कुछ, दिखाएंगे कुछ और करेंगे कुछ। जब भी इनको अवसर मिला, उत्तर प्रदेश को इन्होंने दंगों की आग में झोंका है, हिंदुत्व के नायकों को अपमानित किया है’।
मुख्यमंत्री बोले – कोई अचानक कल्याण सिंह नहीं बन जाता…
कार्यक्रम के मूल विषय का जिक्र करते हुए अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने न केवल अपने दल, सहयोगी दलों बल्कि सियासत कर रही सभी दलों के लोगों को भी दो टूक संदेश दिया।
सीएम योगी आदित्यनाथ बोले – ‘कोई व्यक्ति अचानक कल्याण सिंह बन जाता है क्या? उसके लिए संघर्ष और चुनौती का मार्ग चुनना पड़ता है। त्याग और बलिदान का मार्ग चुनना पड़ता है और उससे पार पाने का जज्बा होता है। उन्होंने (स्व. कल्याण सिंह ने) उस समय की ताकतों का मुकाबला किया।
विपरीत परिस्थितियों में कार्य किया लेकिन रामजन्मभूमि के अपने तय मार्ग से वह तनिक भी नहीं हटे और ना ही डिगे और अंतत परिणाम हमारे सामने है। उसकी सहज और सुखद अनुभूति पूरी दुनिया के अंदर रहने वाला सनातन धर्मावलंबी कर रहा है।
अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रभु श्रीराम का मंदिर लोकार्पित हुआ तो पूरी दुनिया के अंदर जश्न का माहौल था। उस पुनीत कार्य का आरंभ तब हुआ था जब पूज्य बाबूजी (स्व. कल्याण सिंह) ने कहा कि सरकार जाती है तो जाए लेकिन रामभक्तों पर कोई आंच नहीं आए।
आज हम उनकी पुण्य तिथि को हिंदू गौरव दिवस मनाते हुए सभी एकत्र हुए हैं। कल्याण सिंह जी का जीवन भारत की राष्ट्रीयता के लिए समर्पित था। उन्होने जातिवाद को प्रश्रय नहीं दिया। समाज को विभाजित करने वाली ताकतों से उन्होंने दूरी बनाए रखी। मूल्यों के लिए जीवन जीया था। राजनीति को आदर्शों का माध्यम बनाया था।
राजनीति उनके लिए सत्ता और मोह का माध्यम नहीं बना था, राजनीति उनके लिए सौदेबाजी का जरिया नहीं बनी, राजनीति उनके लिए कथित निजी स्वार्थों की पूर्ति का माध्यम कभी नहीं बना। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पाठशाला में उन्होंने जो सीखा, उन्हीं मूल्यों और आदर्शों को संवैधानिक दायित्वों के पदों पर रहते हुए सदैव जीया, इसीलिए वो कल्याण सिंह बन पाए। इसीलिए वो कोटि-कोटि कार्यकर्तोओं के विश्वास के प्रतीक बने।’
मुख्यमंत्री बोले – रामभक्तों पर गोली चलवाने वालों से केवल कल्याण सिंह टकराए थे
पूर्व मुख्यमंत्री की सियासत में अवदानों और योगदानों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, ‘30 अक्टूबर 1990 और 2 नवंबर 1990 को राम भक्तों पर गोलियां चलवाने वाली शक्तियों के खिलाफ कोई टकराया था तो वह थे बाबू स्व. कल्याण सिंह। उन्होंने उसी समय कहा था कि हम हिंदू समाज को बंटने नहीं देंगे।
कल्याण सिंह ने ही तब मजबूती से कहा था कि ये जातीयता का जहर घोलने वाले लोग एक ओर भारत को कमजोर करने का काम कर रहे हैं और दूसरी ओर तुष्टीकरण के पराकाष्ठा को पार करते हुए उत्तर प्रदेश को दंगों का आग में झोंक रहे हैं। बाबू कल्याण सिंह की जीवन यात्रा शून्य से शिखर तक की यात्रा रही है।
अलीगढ़ जनपद के एक किसान परिवार में जन्म लेकर संघर्षों को आत्मसात कर उनसे पार का उनमें जज्बा था। पहले, फिर शिक्षक और उसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा में कार्यकर्ता के रूप में उनका सियासी सफर शुरू हुआ था।
वे विधायक भी थे, सांसद भी थे, आपातकाल के दौरान कांग्रेस की दमनकारी नीतियों का शिकार होकर जेल भी गए और उसके बाद प्रदेश में बनी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रहे। राम मंदिर आंदोलन की आस्था के सैलाब में प्रदेश में भाजपा जब पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई तो उसमें वह मुख्यमंत्री बने। वर्ष 1997 में वह दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। फिर हिमाचल और राजस्थान के राज्यपाल भी रहे’।
केशव मौर्य ने सीएम योगी की कार्यशैली स्व. कल्याण सिंह जैसा बताया
इसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री से पहले अपने संबोधन में उप केशव प्रसाद मौर्य ने सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए अपने अंदाज में तारीफ की तो सियासी पंडितों के कान खड़े होने लाजिमी थे। स्व. कल्याण सिंह के कार्यशैली की तारीफ करते हुए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली को भी उन्हीं जैसा बताया।
गत दिनों संगठन मे खींचतान को लेकर वह लगातार मीडिया में सीएम योगी के आलोचक के रूप में सुर्खियों में रहे थे लेकिन बुधवार के कार्यक्रम में उनके संबोधन में सीएम योगी की तारीफ सभी को स्वाभाविक रूप से चकित करने वाली रही।
केशव मौर्य ने अपने संबोधन में कहा कि, ‘बाबू कल्याण सिंह मुख्यमंत्री नहीं होते तो अयोध्या में जो कलंकित ढांचा था वो ढहता क्या ? मुख्यमंजत्री रहते उन्होंने (स्व. कल्याण सिंह ने) राम भक्तों पर खरोंच नहीं आने दी। मैं भी रामभक्त हूं। मंच पर अनके कारसेवक हैं जिन्होंने अयोध्या के उस आंदोलन में हिस्सा लिया था।
हमें 30 अक्टूबर 1990 और 2 नवंबर 1990 नहीं भूला है लेकिन 6 दिसंबर 1992 को कभी भूल ही नहीं सकते। वह शौर्य दिवस के रूप में मानस पर अंकित है। कल्याण सिंह ने न सुशासन, राष्ट्रभक्ति और रामभक्ति से समझौता किया और ना ही आज के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करते हैं।
बाबू जी ( स्व. कल्याण सिंह) के पदचिन्हों पर प्रदेश की सरकार चल रही है। देश विरोधी शक्तियां सक्रिय हो रही हैं, उन्हें फलने-फूलने और फैलने नहीं देना है। हम देश भक्त लोग हैं। राम भक्त और राष्ट्र भक्त में कोई फर्क नहीं होता। इसी क्रम में हमारी जो यात्रा 2014 से चली है और 2024 में दोहराई है, उसे 2027 और 2029 में दोहराएं, यही संकल्प लेकर बाबू जी की तीसरी पुण्य तिथि के कार्यक्रम से हम सभी को जाना है’।
इससे पहले उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि बाबू कल्याण सिंह के गांव, गरीब और किसान की सोच को लेकर भाजपा लगातार जनहित के काम में जुटी है।
कार्यक्रम को पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, सांसद साक्षी महाराज आदि ने संबोधित किया। पूर्व सांसद और स्व. कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया और पौत्र संदीप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। इस मौके पर प्रदेश के मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, सूर्य प्रताप शाही आदि मौजूद रहे।