Ranchi : डोरंडा स्थित शौर्य सभागार में चल रहे प्रथम राज्यस्तरीय महिला पुलिस सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि मुझे लगता है ये सम्मेलन और पहले होना चाहिए लेकिन शुरुआत हो गई यह खुशी की बात है। महिला पुलिस को भी आज खुशी होगी कि महिला पुलिस कर्मी के बारे में पुलिस विभाग सोच रहा है।
Breaking : कई विषयों पर गंभीरता से विचार करनी होगी
कई बार पुलिस महकमा को लेकर अलग-अलग विषयों को लेकर चर्चाएं भी की है। इस प्रकार के सम्मेलन हर वर्ष नहीं हर 6 महीने में होनी चाहिए। जिस तरीके से वर्तमान समय में बदलाव हुए हैं और राज्य के पुलिस पर कई बार सवाल भी होते हैं। इसलिए इन सब विषयों पर गंभीरता से विचार करनी होगी। कई ऐसे जगह हैं जहां महिलाओ का समूह होता है उन सब जगहों पर सीधे तौर पर महिला पुलिस का संपर्क होना चाहिए।
पुलिस विभाग में भेदभाव यह समझ से परे है
मैं हमेशा प्रयास में हूं कि हमारी पुलिस व्यवस्था ऐसी हो जहां लोगों को उंगली उठाने की कोई गुंजाइश न हो। महिला पुलिस इस कदर आगे बढे़ जहां महिला पांच प्रतिशत हैं वहां आप पचास प्रतिशत हो। पुलिस विभाग में भेदभाव यह समझ से परे है। झारखंड की पुलिसिंग, सामाजिक व्यवस्था मुंबई, गुजरात से बिल्कुल अलग है।
महिला पुलिस थाना में थाना इंचार्ज कैसे बने इसके लिए भी निश्चित रूप से कार्य किए जायेंगे। आने वाले समय में पुरुष पुलिस के लिए भी इस प्रकार के सम्मेलन हो जिससे वो अपनी बातों को सबके सामने रख सके। राज्य पुलिस की जड़े मजबूत करने की जरूरत है।