पटना: Bihar सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी इन दिनों अपने विभाग के अपर मुख्य सचिव की मनमानी से काफी परेशान दिख रहे हैं। जिसकी वजह से मंत्री मदन सहनी ने पटना स्थित अपने सरकारी कार्यालय मैं आना-जाना छोड़ दिया साथ ही साथ वह अपना सरकारी आवास छोड़कर दरभंगा अपने पैतृक गांव से ही सारा काम देख रहे हैं।
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जब हमने ऑफ रिकॉर्ड मदन सहनी से बात की तब उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनके पास उनके मंत्रालय की अपर मुख्य सचिव कोई फाइल नहीं भेजती हैं इसलिए जब उनके पास कोई काम ही नहीं तब वह पटना स्थित सरकारी कार्यालय जाकर या फिर पटना स्थित सरकारी आवास में रहकर किया करेंगे। उन्होंने कहा कि अब वह असहाय हो चुके हैं और उनकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं। मंत्री मदन सहनी के अपने विभाग के एसीएस पर आरोप के बाद अब राजनीति शुरू हो गई है। बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद ने जमकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा।
नीतीश सरकार में अफसरशाही है हावी
आरजेडी सांसद सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री अधिकारियों के द्वारा मंत्रियों को अपमानित करते कहते हैं। राजद सांसद ने कहा कि जब मैं महागठबंधन की सरकार में मंत्री था तब उस समय मैंने कहा था कि यहां मंत्रियों की स्थिति चपरासी से भी खराब हालत में है। मंत्रियों को किसी भी प्रकार का निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है। अब इस बात की पुष्टि एक बार फिर से हो गई है।
बिहार सरकार में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी जी के बयान ने मेरे उस समय की बात की पुष्टि कर दी है, ऐसा पहली बार थोड़ी ही हुआ है जब बिहार में महागठबंधन की सरकार में प्रोफेसर चंद्रशेखर शिक्षा मंत्री हुआ करते थे तब उन्होंने भी इस बात की पुष्टि की थी। आगे राजद सांसद ने कहा कि ऑफ रिकॉर्ड यदि आप बिहार के 99% मंत्रियों से बात करेंगे तब वह इस बात पर अपनी सहमति देंगे मगर उनमें इतना भी नैतिक अधिकार नहीं है कि वह इस्तीफा देकर जनता के बीच जा सके।
राज्य की सरकार मुख्यमंत्री नहीं अफसर चला रहे
वही बिहार की एनडीए सरकार पर मदन सहनी के बहाने मिले मौके पर राजनीति करने से कांग्रेस भी पीछे नहीं रही। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार में सरकार नीतीश जी और भाजपा के भरोसे नहीं बल्कि रामभरोसे चल रही है। इस सरकार में देखने वाला कोई नहीं है। आप ही बताइए अब मंत्री कह रहा है कि मैं असहाय हूं, और अब पटना नहीं जाऊंगा। बिहार में सरकार बिहार के मुख्यमंत्री नहीं बल्कि उनके द्वारा चयनित किए गए तीन चार अफसर चला रहे हैं। यह हम नहीं कर रहे यह गांव के किसी भी प्रखंड – अनुमंडल या जिला में चले जाइए वहां की जनता साफ तौर पर यह कह रही है।
जदयू ने दी सफाई
बिहार सरकार के मंत्री मदन सहनी के बयान के बाद से जहां एक और विपक्ष सरकार पर जमकर हमला बोल रहा है वहीं अब सत्ता पक्ष में बैठी पर्टियां पूरी तरह से सेफ बैटिंग करते हुए अपनी सरकार में उत्पन्न हुए विवाद को खत्म करने में लगी हुई है। जनता दल यूनाइटेड के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि यदि समाज कल्याण विभाग की एसीएस मंत्री को फाइल नहीं भेजती है और डायरेक्ट मुख्य सचिव को भेज दिया जाता है तो यह बात मंत्री को सीधा मुख्य सचिव को बताना चाहिए।
जो नियम है उसके हिसाब से ना तो मुख्य सचिव उसके खिलाफ जा सकते हैं और ना ही विभाग की अपर मुख्य सचिव। जहां तक हमें लगता है कि इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री को जरूर होगी और वह मंत्री और अपर मुख्य सचिव को बुलाकर इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली होगी साथ ही साथ इसका समाधान करने की दिशा में जरूरी दिशा निर्देश दिए होंगे।
भाजपा ने रखा संभल कर अपना पक्ष
एनडीए की सहयोगी पार्टी भाजपा ने भी इस पूरे मामले पर संभल कर अपना पक्ष रखा। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा कि यदि ऐसी स्थिति बनी है तो इस बात का निराकरण बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी तुरंत करते हैं। यदि विभागीय मंत्री और उनके अपर मुख्य सचिव के बीच किसी बात को लेकर तनातनी हुई है तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बात पर तुरंत कार्रवाई करते हुए उन दोनों के बीच समस्या के समाधान का हल निकाल लेंगे।
इतना ही नहीं अगर ऐसी कोई स्थिति हुई है तो मीडिया में आने की जगह पहले मंत्री को मुख्यमंत्री से इस मामले में राय विचार विमर्श करना चाहिए क्योंकि वह बिहार के मुख्यमंत्री हैं और बिहार के मुख्यमंत्री इस समस्या का तुरंत समाधान करते।
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पटना से महीप राज की रिपोर्ट
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