Ranchi- सरना धर्मियों की हुंकार- सरना धर्मियों ने 20 नवंबर 2022 तक
सरना धर्म कोड देने का भारत सरकार को अल्टीमेटम दिया है.
कल 30 नवंबर को पच्छिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के रानी
राश्मोनी रोड (एस्प्लेनेड) में सरना धर्म कोड रैली का आयोजन किया गया है.
सरना धर्मियों की हुंकार, सरना कोड या चक्का जाम
दावा किया जा रहा है कि इस रैली में झारखंड,
बंगाल, बिहार, ओडिशा और असम से लाखों सरना धर्मी शामिल होंगे.
इस आन्दोलन से जुडे नेताओं ने कहा कि
भारत सरकार जल्द से जल्द इस मामले में अपना निर्णय ले,
नहीं तो आर पार की लड़ाई के लिए भी तैयार रहे.
यदि भारत सरकार सरना धर्म कोड नहीं देती है तो
30 नवंबर को इन पांच प्रदेशों में रेल और सड़क मार्ग को जाम किया जाएगा.
डॉ. करमा उरांव ने किया समर्थन की घोषणा
यहां यह भी बता दें कि राष्ट्रीय सरना धर्म रक्षा अभियान,
राँची ने भी इस आन्दोलन को अपना समर्थन प्रदान कर दिया है.
इसके मुख्य संयोजक सरना धर्म गुरु बंधन तिग्गा,
डॉ करमा उराँव और विध्यासागर केरकेट्टा ने ने भी कोलकता में आयोजित
सरना धर्म कोड रैली को अपना समर्थन देने की घोषणा की है.
पूर्व सांसद सालखन मुर्मू करेंगे कोलकाता रैली की अध्यक्षता
आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू कोलकाता रैली की अध्यक्षता करेंगे.
जबकि सरना धर्म गुरु बंधन तिग्गा इसके मुख्य अतिथि होंगे.
साथ ही डॉ करमा उराँव और विध्यासागर केरकेट्टा इसके विशिष्ट अतिथि होंगे.
यहां बतला दें कि झारखंड, ओडिशा, पच्छिम बंगाल और असम आदि राज्यों में एक बड़ी संख्या में प्रकृति पूजक सरना आदिवासी रहते हैं,
लम्बे समय से इनके द्वारा सरना धर्म कोड की मांग की जाती रही है,
इनका मानना है कि ये किसी भी संगठित धर्म का हिस्सा नहीं है,
ये ना तो हिंन्दू हैं और ना ही मुस्लीम और ना ही ईसाई, इनका मुख्य धर्म सरना है,
और ये प्रकृति के पूजक है.
इस लिए इनकी गिनती किसी भी दूसरे धर्म कोड में नहीं कर सरना धर्म कोड के तहत किया जाय.