Ranchi: बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए CBSE ने शहर के स्कूलों को प्रैक्टिकल परीक्षाओं के संचालन और मार्क्स अपलोडिंग प्रक्रिया को लेकर सख्त नियम जारी किए हैं। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि क्लास 10 और 12 के प्रैक्टिकल एग्जाम 1 जनवरी से 14 फरवरी तक संपन्न कर लिए जाने चाहिए।
CBSE ने निर्देश दिया है कि प्रैक्टिकल मार्क्स को ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने में किसी भी प्रकार की गलती की जिम्मेदारी पूरी तरह संबंधित स्कूल की होगी। एक बार मार्क्स फाइनल रूप से पोर्टल पर अपलोड हो जाने के बाद उसमें किसी तरह का बदलाव संभव नहीं होगा।
मार्किंग प्रक्रिया में जीरो टाॅलरेंसः
बोर्ड ने कहा कि गलत रोल नंबर, गलत सब्जेक्ट कोड या डिजिट एंट्री की गलतियों ने पहले परीक्षा प्रक्रिया प्रभावित की थी। इसलिए अब सभी डेटा अपलोड करने से पहले स्कूलों को दो बार सत्यापन की प्रक्रिया अपनानी होगी। CBSE ने स्कूलों को हर प्रैक्टिकल परीक्षा के फोटो, दस्तावेज और छात्रों की उपस्थिति का रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है। स्कूलों को सभी एंट्री बेहद सावधानी से करनी होगी।
नई गाइडलाइन में क्या शामिल?
हाल ही में CBSE ने थ्योरी और प्रैक्टिकल परीक्षाओं के मूल्यांकन के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिनमें शामिल हैं—
- विषयवार मार्क्स वितरण
- इंटरनल असेसमेंट मानदंड
- प्रैक्टिकल संरचना और वेटेज
- बाहरी परीक्षकों की भूमिका
- रिकॉर्ड और दस्तावेज सुरक्षित रखने के निर्देश
हर प्रैक्टिकल के बाद वेरिफिकेशन प्रोटोकॉल के साथ ही मार्क्स अपलोडिंग की जाएगी। स्कूलों को लैब संसाधन, मशीनरी और उपकरण पहले से तैयार रखने होंगे।
प्रैक्टिकल परीक्षा में पारदर्शिता पर जोरः
CBSE ने स्कूलों से यह भी कहा है कि सभी शिक्षकों और बाहरी परीक्षकों को मूल्यांकन में पारदर्शिता और समानता बनाए रखने के लिए दिशानिर्देशों से अवगत कराना अनिवार्य है। नई व्यवस्था का उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया में अनुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है ताकि छात्रों को मार्क्स से जुड़ी गलतियों का नुकसान न उठाना पड़े।
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